रूस इस साल के अक्टूबर माह में इराक और सऊदी अरब जैसे ट्रेडिशनल विक्रेताओं को पीछे छोड़ते हुए, भारत के टॉप ऑयल सप्लायर में शुमार हो गया है. रूस 31 मार्च, 2022 तक भारत द्वारा आयात किए गए सभी तेल का सिर्फ 0.2% था, अक्टूबर में रूस ने भारत को 935,556 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) कच्चे तेल की आपूर्ति की जो कि अब तक का सबसे ज्यादा है. यह अब भारत के कुल कच्चे तेल के आयात का 22% है, जो इराक के 20.5% और सऊदी अरब के 16% से भी आगे है. रूसी तेल के लिए भारत की भूख तब से बढ़ गई जब उसने डिस्काउंट पर बिजनेस करना शुरू कर दिया. एनर्जी इंटेलिजेंस फर्म, वोर्टेक्स के अनुसार, भारत ने दिसंबर 2021 में रूस से सिर्फ 36,255 बीपीडी कच्चे तेल का आयात किया, जबकि इराक से 1.05 मिलियन बीपीडी और सऊदी अरब से 952,625 बीपीडी का आयात किया गया था. अगले दो महीनों में रूस से कोई आयात नहीं हुआ लेकिन फरवरी के आखिर में यूक्रेन युद्ध छिड़ने के तुरंत बाद मार्च में फिर से शुरू हो गया था. 

भारत ने मार्च में किया 68,600BPD रूसी तेल आयात 

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भारत ने मार्च में 68,600 बीपीडी रूसी तेल का आयात किया, जबकि अगले महीने यह बढ़कर 266,617 बीपीडी हो गया और जून में 942,694 बीपीडी पर पहुंच गया. लेकिन जून में, इराक 10.4 मिलियन बीपीडी तेल के साथ भारत का टॉप सप्लायर था.उस महीने रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर बन गया. अगले दो महीनों में आयात में मामूली गिरावट आई. वोर्टेक्स के अनुसार, अक्टूबर में बढ़कर 835,556 बीपीडी हो जाने से पहले ये आंकड़ा सितंबर में 876,396 बीपीडी पर था. इराक अक्टूबर में 888,079 बीपीडी सप्लाई के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गया, इसके बाद सऊदी अरब 746,947 बीपीडी पर रहा.  भारत सरकार ने रूस के साथ अपने व्यापार का बचाव करते कहा कि उसे तेल वहीं से लाना होगा जहां से वह सस्ता होगा.

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ऑयल मिनिस्टर हरदीप सिंह का क्या है कहना 

ये पूछे जाने पर कि क्या यूक्रेन के साथ रूस के संघर्ष के बीच रूस से आयात के कारण भारत को नैतिक संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने कहा "बिल्कुल नहीं, कोई नैतिक संघर्ष नहीं है. हम एक्स या वाई से तेल नहीं खरीदते हैं.. हम जो कुछ भी उपलब्ध है उसे खरीदते हैं। सरकार ये खरीदी नहीं करती तेल कंपनिया करती हैं.