Road Accident: भारत में हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं. ट्रैफिक रूल्स को फॉलो न करना और ओवर स्पीडिंग आदि इसके मुख्य कारणों में से एक है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में ओवर स्पीडिंग के कारण सबसे अधिक दुर्घटना हुई. इसमें दुर्घटनाओं से हुई कुल मौतों का 69.3 फीसदी और चोटों का 73.4 फीसदी शामिल है. इसके अलावा गलत दिशा में गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना और रेड लाइट जंप करना आदि रोड एक्सीडेंट के अन्य मुख्य कारणों में शामिल है. रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है. 

इन वजहों से हुई सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं

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भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2020 नाम वाली इस रिपोर्ट के अनुसार कुल एक्सीडेंट में 11 फीसदी से अधिक मौतें और चोट सीट बेल्ट का उपयोग न करने के कारण हुआ है. वहीं 2020 में 30.1 फीसदी मौतें और 26 फीसदी चोटें हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करने के कारण हुआ है.

सीट बेल्ट नहीं पहनने से हुई इतनी मौतें

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 के दौरान सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण मारे गए और घायल लोगों की संख्या क्रमशः 15,146 और 39,102 थी. कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान भारत में ओवर स्पीडिंग के कारण कुल 2,65,343 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिससे 91,239 मौतें हुईं, जबकि 20,228 सड़क दुर्घटनाएं गलत दिशा में गाड़ी चलाने के कारण हुईं, जिसमें 7,332 लोगों की जान चली गई.

मिनिस्ट्री की इस रिपोर्ट के मुताबिक, 8,355 रोड एक्सीडेंट और 3,322 मौतों के लिए जिम्मेदार शराब पीकर गाड़ी चलाना था, जबकि 6,753 सड़क दुर्घटनाएं ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल से हुईं, जिससे 2,917 मौतें हुईं. 

न्यू मोटर व्हीकल एक्ट से आई दुर्घटनाओं में कमी

रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम (MVA) 2019 के 1 सितंबर, 2019 से प्रभावी होने के बाद रोड एक्सीडेंट के मामलों में कमी आई है. MVA Act 2019 में अन्य बातों के साथ-साथ ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन के लिए दंड में कठोर वृद्धि, नियमों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, किशोर ड्राइविंग के लिए ज्यादा पेनाल्टी आदि का प्रोविजन है. 

बता दें कि पिछली सीटों पर बैठे यात्रियों द्वारा सीट बेल्ट नहीं पहनने पर केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138 (3) के तहत 1,000 रुपये का जुर्माना लगता है, लेकिन ज्यादातर लोग या तो इस अनिवार्य नियम से अनजान हैं या बस उन्हें अनदेखा कर देते हैं. यहां तक ​​कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी सीट बेल्ट नहीं लगाने पर पीछे की सीटों पर बैठे यात्रियों पर शायद ही कभी जुर्माना लगाते हैं.