देश में अमीरों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. इसका अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि साल 2016 में अमीरों की संख्या 2,84,140 थी और अनुमान है कि इन अमीरों की संख्या साल 2021 तक भारत में 86 फीसदी बढ़कर 5 लाख से ऊपर पहुंच सकती है. साथ ही न सिर्फ अमीरों की संख्या में इजाफा हो रहा है बल्कि इनकी संपत्ति में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. साल 2016 में अमीरों की संख्या 2,84,140 थी. यह संख्या साल 2021 तक 86 फीसदी बढ़कर 5 लाख से ऊपर पहुंच सकती है. आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट इंडेक्स 2018 के जरिए  किए गए अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है.

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संपत्ति दोगुनी बढ़ जाएगी

एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2016 में देश में अमीरों के पास कुल 95 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति थी. माना जा रहा है कि वर्ष 2021 तक यह आंकड़ा दोगुना होकर 188 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. विश्लेषण में पाया गया है कि भारत में 55 प्रतिशत बेहद अमीर लोगों को सारी संपत्ति विरासत मे मिली है, जबकि दुनिया भर में इस मामले में यह आंकड़ा औसतन 34 फीसदी है. यह भी देखा गया कि अपनी किस्मत खुद लिखने के मामले में भारत पीछे है. हालांकि 45 फीसदी भारतीयों ने अपने दम पर संपत्ति बनाई है, जबकि दुनिया के 66 फीसदी अरबपतियों ने खुद को इस काबिल बनाया है.

भारत में कारोबारी, मालिक और उद्यमी ज्यादा

आपको बता दें, करीब 87 फीसदी बेहद अमीर भारतीय कारोबार, मालिक और उद्यमी हैं. इस मामले में दुनिया का औसत 52 प्रतिशत ही है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, वैसे तो देखने में भले ही ऐसा लगता है कि उन अमीरों को संपत्ति विरासत में मिली है, मगर वे खुद को इस लायक बनाए भी रखते हैं. आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट के सीईओ करण भगत ने कहा, "भारत में अमीरों की संख्या बीते पांच सालों में 40 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो दुनिया के औसत से काफी ज्यादा है. 

 

यह दर्शाता है कि भारत इस मामले में कितनी तेजी से बढ़ रहा है." उनका यह भी कहना था कि इस दौरान दुनिया भर में धनी लोगों की संख्या 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, और उनकी दौलत में 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी देखने को मिली है.