Unknown Facts of Constitution of India: 26 जनवरी को हमारा संविधान (Constitution of India) लागू हुआ था, इसलिए हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. गणतंत्र दिवस (Republic Day) देश का राष्‍ट्रीय पर्व है, इसलिए हर साल इस दिन को बहुत ही भव्‍यता और उत्‍साह के साथ देशभर में सेलिब्रेट किया जाता है. इस मौके पर दिल्‍ली के कर्तव्‍य पथ (Kartavya Path) पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है जिसमें भारत की सांस्कृतिक और सैन्य विरासत के प्रदर्शन के साथ-साथ देश की प्रगति और उपलब्धियों का प्रदर्शन होता है. इस परेड में मुख्‍य अतिथि (Republic day Chief Guest) के तौर पर दूसरे देश के राष्‍ट्राध्‍यक्ष शामिल होते हैं. इस साल के मुख्‍य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) हैं. इस साल हमारा देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. इस मौके पर जानते हैं देश के संविधान से जुड़ी वो रोचक बातें जिनसे तमाम लोग अनजान हैं. 

संविधान से जुड़ी रोचक बातें

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- हमारे देश के संविधान को लिखने का काम 26 नवंबर 1949 को पूरा हो गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 में देश में लागू किया गया. इसकी वजह है कि आजादी से पहले 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लागू हुआ था. इस दिन तिरंगा भी फहराया गया था. इसलिए ये तिथि स्‍वतंत्रता सेनानियों के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण थी. इस तिथि को महत्‍व देने के लिए 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया और इस दिन को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया.

- हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है. इसमें एक प्रस्तावना, 448 आर्टिकल्स के साथ 22 पार्ट्स, 12 अनुसूचियां और 5 एपेंडिक्स और कुल 1.46 लाख शब्द शामिल हैं. इसे तैयार करने से पहले दुनिया के 60 देशों के संविधान को पढ़ा गया. उसमें से जो बातें भारत के परिप्रेक्ष्य में बेहतर लगीं, उन्हें इसमें शामिल किया गया.

- बेहद दिलचस्‍प बात ये भी है कि पूरा संविधान हाथ से लिखा गया है. इसे लिखने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है, लेकिन इसे लिखने का काम कैलिग्राफिस्ट प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने‍ किया था. प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान लेखन के लिए एक भी पैसा नहीं लिया था.

- भारत के संविधान की एक मूल प्रति ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी हुई है. इस प्रति में पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के सिग्‍नेचर भी हैं.

- भारत के संविधान को बैग ऑफ बॉरोविंग्स भी कहा जाता है क्‍योंकि इसे बनाने के लिए 10 प्रमुख देशों के अलावा उस समय मौजूद 60 से अधिक संविधानों की सहायता ली गई. इसमें अमेरिका, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, आयरलैंड और अन्य जैसे देशों के कानून और अधिकार शामिल किए गए. 

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