Republic Day 2023: संविधान में हर भारतीय को समान रूप से मिले हैं ये अधिकार, आपको जरूर मालूम होने चाहिए
हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था. हमारे संविधान में देश के हर नागरिक को समान रूप से कुछ अधिकार दिए गए हैं. हर भारतीय नागरिकों को इन अधिकारों के बारे में मालूम होना चाहिए.
26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ था, इसलिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत के संविधान में भारतीय नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार दिए गए हैं. ये अधिकार देश के सभी नागरिकों के लिए समान हैं और संशोधन की प्रक्रिया के अतिरिक्त उनमें कोई बदलाव नहीं हो सकता. देश के हर नागरिक को इन अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए. 26 जनवरी आने में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं, इस मौके पर आपको बताते हैं इन अधिकारों के बारे में.
समता का अधिकार
भारत जैसे देश में कई जातियों के लोग रहते हैं. इन जातियों के बीच के भेद-भाव को खत्म करने के लिए समता का अधिकार संविधान में जोड़ा गया है. समता का अधिकार अनुच्छेद 14-18 में दर्ज है. यह छुआछूत की कुप्रथा को समाप्त करने के लिए बनाया गया था.
स्वतंत्रता का अधिकार
भारतीय संविधान में स्वतंत्रता का अधिकार मूल अधिकारों में शामिल है. स्वतंत्रता के अधिकारों को अनुच्छेद 19-22 में शामिल किया गया है. इसमें सभी वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए प्रावधान दिए गए हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति अपने मन से कोई भी कार्य कर सके, लेकिन वो काम गैर कानूनी और असंवैधानिक नहीं होना चाहिए. इस अधिकार के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, गिरफ्तार होने पर कानून की मदद लेने की स्वतंत्रता, खाने और पहनने की स्वतंत्रता वगैरह को शामिल किया गया है.
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25-28 तक धार्मिक स्वतंत्रता को एक मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया गया है. ये अधिकार धर्मनिर्पेक्षता को सुनिश्चित करता है. इस अधिकार के तहत भारत के हर नागरिक को किसी भी धर्म में विश्वास रखने और अपनी पसंद के अनुसार उपासना करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है. धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत अनुच्छेद 27 किसी भी नागरिक को इस बात की गारंटी देता है कि किसी भी व्यक्ति को किसी विशेष धर्म या धार्मिक संस्था को बढ़ावा देने के लिए टैक्स देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.
शिक्षा का अधिकार
सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों के लिए संविधान में दो अनुच्छेद 29 और 30 रखे गए हैं, जिसके अनुसार सभी को अपनी संस्कृति का पालन करने और एक अनिवार्य बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने और प्रचार करने का मौलिक अधिकार दिया गया है. इस अधिकार में लोगों को शिक्षा देने में किसी भी प्रकार का भेदभाव पर प्रतिबंध है. इसके अलावा संविधान के 86 में संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा 21(A) जोड़ा गया, जिसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी Right to Education (RTE) कहा जाता है. इस अधिकार के तहत देश में 6 से 14 साल के बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा निर्धारित है.
सूचना का अधिकार
अनुच्छेद 19(1)ए के तहत पारित RTI अधिनियम भारत के किसी भी नागरिक को किसी भी पब्लिक अथॉरिटी से सरकारी सूचना हासिल करने का अधिकार देता है. भारतीय नागरिक के मौलिक अधिकारों में सूचना का अधिकार अधिनियम ( Right to Education) को 15 जून 2005 को संसद में पारित किया गया था और 12 अक्टूबर 2005 को पूरे देश में लागू किया गया था.
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