Republic Day 2023: हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाना भारत की परंपरा रही है. लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से कोई भी मुख्‍य अतिथि (Republic day Chief Guest) इस मौके पर शामिल नहीं हो सके. साल 2021 में भारत ने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया था, लेकिन कोरोना के हालातों को देखते हुए उन्‍हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा था. वहीं पिछले साल 2022 में भी किसी अन्य राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष या फिर किसी अन्य गणमान्य व्यक्ति को आमंत्रित नहीं किया गया.

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लेकिन इस साल 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति (President of Egypt) अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे. उन्‍होंनें हाल ही में गणतंत्र दिवस के निमंत्रण को स्वीकार किया है. भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर शामिल मुख्‍य अतिथि का विशेष सम्मान के साथ सत्कार किया जाता है और उन्हें भारत के राष्ट्रपति के सामने 'गार्ड ऑफ ऑनर' (Guard of Honour) दिया जाता है.

कैसे होता है मुख्‍य अतिथि का चुनाव

मुख्‍य अतिथि किसे बनाना है, इसको लेकर विदेश मंत्रालय कई बातों पर काफी सोच विचार करता है. इसमें सबसे पहले भारत और उस देश के संबन्‍धों को ध्‍यान में रखा जाता है. ये देखा जाता है कि उस देश के साथ राजनीति, सेना और अर्थव्यवस्था का क्या कितना कनेक्शन है. ये भी ध्‍यान रखा जाता है कि आमंत्रित अतिथि को बुलाने से किसी अन्‍य देश से संबन्‍ध तो खराब नहीं होंगे. इस तरह के अन्‍य तमाम मुद्दों पर विचार करने के बाद ही विदेश मंत्रालय मुख्‍य अतिथि के नाम पर अपनी मोहर लगाता है.

मिस्र के रा‍ष्‍ट्रपति के चयन की वजह

राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनाने के पीछे एक खास वजह मानी जा रही है. पहली वजह अफ्रीकी महाद्वीप में मिस्र भारत का लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार रहा है. इसके अलावा 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिलने मात्र तीन दिन के बाद ही भारत और इजिप्ट के औपचारिक संबंध स्थापित हुए थे. साल 2022 के स्‍वतंत्रता दिवस पर भारत और इजिप्ट के औपचारिक संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं, दोनों देशों के संबन्‍धों के लिहाज से ये साल काफी विशेष है. गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र देश के राष्‍ट्रपति का भारत में चीफ गेस्‍ट के तौर पर आना, भविष्‍य में दोनों देशों के संबन्‍धों को और मजबूती देगा.

छह महीने पहले शुरू हो जाती है तैयारी

गणतंत्र दिवस पर किसे मुख्य अतिथि के आमंत्रण और उनके स्‍वागत-सत्‍कार की प्रक्रिया करीब छह महीने पहले से शुरू हो जाती है. इस बीच उन्हें निमंत्रण भेजना और निमंत्रण स्‍वीकार किए जाने के बाद उनके आने पर ठहरने और पूरी तरह से विशेष तरह मेहमान नवाजी देने की व्‍यवस्‍था, गणतंत्र दिवस उन्हें विशेष गार्ड ऑफ ऑनर देना, विशेष भोज वगैरह कई कार्यक्रमों की तैयारी शुरू हो जाती है.

 

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