Republic Day 2022: ध्वजारोहण और झंडा फहराने में क्या है अंतर? 26 जनवरी को राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं फ्लैग
Republic Day 2022: 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित होने के बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया.
Republic Day 2022: देश का राष्ट्रीय ध्वज आन-बान और शान का प्रतीक है. हर साल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को झंडा फहराया जाता है लेकिन स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) और गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में कुछ अंतर भी होते हैं. दो तरह से झंझे को फहराया या लहराया जाता है. एक को ध्वजारोहण (Hoisting) कहते हैं और दूसरे झंडा फहराना (Unfurling) कहा जाता है. आइए 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर समझते हैं कि ध्वज फहराने में क्या अंतर है और इन्हें अलग-अलग गिना जाता है.
ध्वजारोहण (Flag Hoisting) और झंडा फहराना (Flag Unfurling) क्या है अंतर?
दो तरह से झंझे को फहराया या लहराया जाता है. ध्वज को ऊपर की तरफ खींचकर फहराया जाता है और इसको ध्वजारोहण कहते हैं. अंग्रेजी में इसे Flag Hoisting कहते हैं. दूसरी तरफ गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है और उसको खोलकर फहराते हैं और इसे झंडा फहराना कहा जाता है. अंग्रेजी में Flag Unfurling कहते हैं.
क्यों प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में भी अंतर?
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल होते हैं और वो ध्वजारोहण करते हैं. जबकि गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी के मुख्य कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति शामिल होते हैं और वे झंडा फहराते हैं.
जगह में भी होता है अंतर
स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन लाल किले पर होता है. इस दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. वहीं, गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम राजपथ पर होता है. इस दिन राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं.
26 जनवरी को ही राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं ध्वज?
प्रधानमंत्री देश के राजनीतिक प्रमुख होते हैं जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख. देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ. उससे पहले न देश में संविधान था और न राष्ट्रपति. इसी वजह से हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं.
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