चार और राज्यों में भी राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी का फायदा, 1 जून से पूरे देश में नई व्यवस्था
Ration Card Portability: सरकार का लक्ष्य 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' (One Nation, One Ration Card) पहल के तहत 1 जून से पूरे देश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू करना है.
Ration Card Portability: खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) सहित चार और राज्य, मार्च तक राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी (Ration Card Portability) को लागू करेंगे. सरकार का लक्ष्य 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' (One Nation, One Ration Card) पहल के तहत 1 जून से पूरे देश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू करना है. इस पहल के तहत, किसी भी राज्य का राशन कार्डधारी देश के किसी भी हिस्से में उचित मूल्य की दुकान से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत अपने कोटे का खाद्यान्न प्राप्त कर सकेंगे.
पासवान ने एक कार्यक्रम में कहा कि पहले से ही 12 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू कर दिया है. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे चार और राज्य 1 मार्च तक और बाकी अन्य राज्य 1 जून तक यह काम करेंगे. उन्होंने कहा कि राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा और लाभार्थियों को देश में कहीं भी अपना हक हासिल करने में मदद मिलेगी.
पीटीआई की खबर के मुताबिक, पासवान ने कहा कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा जैसे 12 राज्य हैं जहां राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू की गई है.
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मंत्री ने यह भी कहा कि 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड,’ पहल के तहत किसी नए राशन कार्ड की आवश्यकता नहीं होगी. मंत्री ने कहा कि प्रायोगिक आधार पर चंडीगढ़, पुडुचेरी और दादरा एवं नगर हवेली में लागू किए जा रहे पीडीएस खाद्यान्नों के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) का काम सफल नहीं रहा है जिसका कारण बैंक सुविधाओं और बिजली की कमी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार एनएफएसए के तहत, लगभग 75 करोड़ लाभार्थियों को इसके दायरे में लिया गया है जबकि लक्ष्य 81.35 करोड़ का था.