Ram Mandir Inauguration: 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसे लेकर बड़ा अपडेट आया है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय मंदिर के गर्भगृह के अंदर पीएम मोदी के साथ केवल 4 लोग और होंगे. इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्य आचार्य मौजूद रहेंगे. प्राण प्रतिष्ठा के समय पर्दा बंद रहेगा और पट्टी हटते ही सबसे पहले भगवान राम को आइना दिखाया जाएगा. सबसे पहले रामलला अपना चेहरा देखेंगे. गर्भगृह में मौजूद पीएम मोदी सहित इन 5 लोगों को ही सबसे पहले रामलला के दर्शन मिलेंगे. 

पूजा के लिए बनी 3 टीम

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान दलपूजा के लिए आचार्यों की 3 टीमें बनाई गईं. पहले दल का नेतृत्व स्वामी गोविंद देव गिरि करेंगे. दूसरे दल का नेतृत्व शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती करेंगे. कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य हैं विजयेंद्र सरस्वती. तीसरी टीम में काशी के 21 विद्वान रखे गए हैं.

सात दिन तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां काफी तेजी से चल रही हैं. अयोध्या में सात दिनों तक वृहद स्तर पर अनुष्ठान प्रक्रिया चलेगा, जिसकी शुरुआत 16 जनवरी से होगी. 22 जनवरी को श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. कार्यक्रम के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर अयोध्या दौरा कर रहे हैं. 2 दिसंबर व 21 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर राम मंदिर निर्माण कार्य का अपडेट ले रहे हैं.

कैसे होगी रामलला की पूजा

इस कार्यक्रम में देश-विदेश से काफी संख्या में आगंतुक उपस्थित रहेंगे. ट्रस्ट द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सात दिवसीय अनुष्ठान कार्यक्रम में 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान, विष्णु पूजन और गोदान होगा. 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति के साथ शोभायात्रा अयोध्या भ्रमण करेगी, मंगल कलश में सरयू का जल लेकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे.

18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन आदि से विधिवत अनुष्ठान आरंभ होगा. 19 जनवरी को अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन फिर 20 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को सरयू के पवित्र जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा.

21 जनवरी को 125 कलशों से दिव्य स्नान के बाद शैयाधिवास कराया जाएगा. 22 जनवरी को सुबह पूजन के बाद मध्यान्ह काल में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा होगी.