Ram Mandir Inauguration: आने वाले वर्षों में प्रतिदिन तीन लाख से अधिक लोगों के अयोध्या आने की उम्मीद है और मंदिर शहर की योजना वेटिकन सिटी, कंबोडिया, यरूशलम सहित विदेश में इसी तरह के उदाहरणों तथा भारत के तिरुपति और अमृतसर जैसे स्थानों का अध्ययन करने के बाद बनाई गई है. यह बात इस परियोजना के प्रमुख योजनाकर दीक्षु कुकरेजा ने कही. कुशल भूमि उपयोग, न्यूनतम भीड़, धर्मशालाओं और ‘होमस्टे’ पर ध्यान, शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चरित्र को बनाए रखते हुए बुनियादी ढांचे को उन्नत करना, सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स के प्रबंधन प्रमुख कुकरेजा द्वारा तैयार की गई योजना के कुछ मुख्य आकर्षण हैं. 

हर दिन आ सकते हैं तीन लाख से अधिक श्रद्धालु

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कुकरेजा ने कहा कि अयोध्या के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, विरासत संपत्तियों और घटनाओं पर ध्यान देने के साथ एक वैश्विक पर्यटन स्थल बनने की उम्मीद है, क्योंकि आतिथ्य और संबद्ध उद्योगों में महत्वपूर्ण मांग के साथ शहर में कई गुना प्रगति होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि इस शहर को पर्यटन, आर्थिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए एक मेगा केंद्र के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है. अगले तीन-चार वर्षों के भीतर प्रतिदिन तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं के अयोध्या आने की उम्मीद है.

सड़कों, पुलों, सीवेज का रखा ध्यान

कुकरेजा ने कहा, "बढ़ती आबादी और पर्यटन की जरूरतों को समायोजित करने के लिए, हमने सड़कों, पुलों, सीवेज प्रणाली और उपयोगिताओं जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे को डिजाइन किया, और यह सुनिश्चित किया कि इससे शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चरित्र से समझौता न हो. हमने एक टाउनशिप के लिए डिजाइन तैयार करने पर काम किया, जो कुशल भूमि उपयोग को बढ़ावा देता है, भीड़भाड़ को कम करता है और निवासियों के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाता है." 

उन्होंने इससे पहले दिल्ली में एयरोसिटी और द्वारका में यशोभूमि - इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (IICC) का डिजाइन तैयार किया है. कुकरेजा ने बताया कि उनकी टीम ने जरूरतों को समझने के लिए दुनिया भर के साथ-साथ भारत में मौजूद मंदिर शहरों का अध्ययन किया और वहां अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं से प्रेरणा ली. 

वेटिकन सिटी, यरूशलम से ली प्रेरणा

उन्होंने कहा, "हमने वेटिकन सिटी, यरूशलम और कंबोडिया सहित विदेश में समान स्थानों का अध्ययन किया. हमने तिरुपति और अमृतसर जैसे उदाहरणों पर भी गौर किया. वहां अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को अयोध्या के स्थानीय संदर्भ के अनुरूप अनुकूलित करने के बाद हमारी योजना में शामिल किया गया है." 

85,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश

मास्टर प्लान के अनुसार, पवित्र शहर को उन्नत करने के लिए 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ अयोध्या का पुनर्विकास 10 वर्षों में पूरा किया जाएगा. कुकरेजा ने कहा कि अयोध्या पुनर्विकास परियोजना का पहला चरण कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है. कुकरेजा ने बताया कि अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करना परियोजना का एक प्रमुख पहलू है. 

उन्होंने कहा, "किसी भी स्थान को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में कनेक्टिविटी बहुत महत्वपूर्ण होती है. हम स्पष्ट थे कि एक घरेलू हवाई अड्डा इस उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकता और हम इसे एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में बदलने के लिए एक दशक तक इंतजार नहीं कर सकते. हवाई अड्डे और पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन का पहले ही उद्घाटन किया जा चुका है."