Rajiv Gandhi Birth Anniversary: बदलाव की नींव रख गए थे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, जानिए उनसे जुड़ी ये बेहद रोचक बातें
Rajiv Gandhi Birth Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की आज 78वीं जयंती है. इनके जन्म दिन को सद्भावना दिवस के तौर पर भी सेलिब्रेट किया जाता है.
Rajiv Gandhi Birth Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की आज 78वीं जयंती है. उनका जन्म (Rajiv Gandhi birth day date) 20 अगस्त 1944 को हुआ था. उनका पूरा नाम राजीव रत्न गांधी था. इनके जन्म दिन को सद्भावना दिवस के तौर पर भी सेलिब्रेट किया जाता है. राजीव गांधी देश के एक ऐसे प्रधानमंत्री रहे जो देश में कई नई शुरुआत और बदलाव के लिए जाने जाते हैं. देश में टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने का भी उन्होंने काम किया. एक तरह से कह सकते हैं कि आज का जो बदला भारत (आजादी के बाद का भारत) आप महसूस कर रहे हैं, उसकी उन्होंने नींव रखी. आइए हम उनसे जुड़ी कई रोचक बातें जानते हैं जिसका अनुभव आप आज करेंगे.
बोइंग विमान के पायलट भी थे
मुंबई में जन्मे राजीव गांधी पायलट भी थे. लोकसभा के एक डॉक्यूमेंट के मुताबिक, 5 मई 1967 को वह तब इंडियन एयरलाइंस को अप्रैंटिस के तौर पर ज्वाइन किया था और HS 748 टाइप एयरक्राफ्ट के कैप्टन के तौर पर काम किया. बाद में साल 1980 में उन्हें बोइंग कमांडर का लाइसेंस मिल गया था.
18 साल में वोटिंग का अधिकार उन्हीं की देन
राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने प्रधानमंत्री रहते हुए युवाओं की महत्ता को ध्यान में रखते हुए संविधान में संशोधन के तहत वोट डालने की उम्र 21 साल को घटाकर 18 साल कर दिया था. रातों-रात देश में 5 करोड़ युवा वोटर तैयार हो गए, जिसका आगे के चुनाव में काफी असर देखा गया.
भारतीय इतिहास के सबसे युवा पीएम थे
राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री कहलाते हैं. वह सिर्फ 40 साल की उम्र में पीएम बन चुके थे. उनकी मां इंदिरा गांधी की हत्या के तुरंत बाद उनको प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई गई थी.
(फोटोः राहुल गांधी ट्विटर हैंडल)
फोटोग्राफी का था शौक
राजीव गांधी को फोटोग्राफी का शौक था. उनकी मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी और कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष, सोनिया गांधी ने साल 1995 में राजीव की दुनिया: राजीव गांधी (Rajiv’s world: Photographs by Rajiv Gandhi) किताब पब्लिश की थी.
राजनीति में ऐसे आए राजीव
प्रोफेशन के तौर पर वह (Rajiv Gandhi) एक पायलट थे. उनका राजनीति में आने का पहले कोई इरादा भी नहीं था. लेकिन संजय गांधी की आकस्मिक मृत्यु के बाद, शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद, इंदिरा गांधी और राजीव से मिलने गए. इसी मीटिंग के दौरान शंकराचार्य स्वामी ने राजीव को राजनीति में आने का सुझाव दिया था. राजीव गांधी ने पहला चुनाव अमेठी से जीता था.
(फोटोः राहुल गांधी ट्विटर हैंडल)
राजीव गांधी पर किताबों की है भरमार
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी (Rajiv Gandhi Birth Anniversary) पर कई किताबें लिखी गई हैं. देश के कई लेखकों ने ये किताबें अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में लिखी हैं. अंग्रेजी में उनपर 48 से ज्यादा किताबें लिखी गई हैं. हिंदी में भी 32 से ज्यादा किताबें लिखी गई हैं.
पहले ह्यूमन बम के शिकार हो गए थे राजीव गांधी
तमिलनाडु के पेरुम्बदूर में 21 मई 1991 को राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की एक चुनावी सभा के दौरान ह्यूमन बम (मानव बम) ब्लास्ट में मृत्यु हो गई थी. यह पहला ऐसा आतंकी हमला था जिसमें किसी मानव को ही बम के तौर पर इस्तेमाल किया गया था.