राजस्थान की मंडियां लगातार तीसरे दिन बंद रहीं. प्रदेश में तीन दिनों में 4800 करोड़ रुपये का कारोबार चौपट हुआ. साथ ही 350 करोड़ रुपये का टैक्स और मुनाफा हड़ताल की भेंट चढ़ गए. मंडियां कल गुरुवार को खुलेंगी, लेकिन विरोध जारी रहेगा.

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मंडी के आढ़ती 1 करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर टीडीएस का विरोध कर रहे हैं. मंडी कारोबार बंद रहने का नुकसान करीब ढाई लाख पल्लेदारों को भी उठाना पड़ा. 

कैश को No कहने की स्थित नहीं

तीन दिन प्रदेश की मंडियों में कारोबार बंद रहा. इस बंद के में 4800 करोड़ रुपये के कामकाज प्रभावित हुआ. मंडियों में कामकाज ठप रहने से ट्रांसपोर्ट, पल्लेदार, किसान और कारोबारी सभी प्रभावित रहे.

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना हैं कि यह नया नियम मंडी कारोबार के लिहाज से व्यवाहारिक नहीं है. मंडियों में किसान, पल्लेदार और ट्रांसपोर्ट वालों को कैश में राशि चाहिए. साथ ही कई बार माल खरीद के लिए कारोबारियों को भी नकदी में भुगतान करना पड़ता है. 

ऐसे में यह सीमा 1 करोड़ रुपये सालाना से अधिक पहुंचाना तय है. कारोबारियों का मुनाफा ही इस कारोबार में एक से डेढ़ फीसदी होता है. इसमें से दो फीसदी टीडीएस का भुगतान किया जाएगा तो कारोबार करना घाटे का सौदा होगा.

14 सितंबर को तय होगी नई रणनीति

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के ऐलान पर राजस्थान की मंड़ियों में व्यापार बंद है. एक करोड़ रुपये बैंक से कैश निकालने पर बैंक 2 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान के साथ समर्थन मूल्य पर खरीद की जाने वाली कृषि जिंस पर आड़तियों को आड़त नहीं देने तथा राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा निर्देशित नए कृषि विपणन पर प्रस्तावित मॉडल एक्ट का भी व्यापारी विरोध कर रहे हैं.   

वहीं राज्य सरकार से भी इस मामले में केंद्र सरकार से बात करने की मांग संघ ने उठाई है. गुरुवार से कामकाज तो शुरू हो जाएगा, लेकिन विरोध बरकरार रहेगा. 14 सितंबर को राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की बैठक होगी. 

(रिपोर्ट- अंकित तिवाड़ी/जयपुर)