लाखों रेल यात्रियों की लिए अच्‍छी खबर है. इंडियन रेलवे कुछ प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्‍सी फेयर (डायनमिक प्राइसिंग) घटाने की तैयारी कर रहा है. मीडिया रिपोर्टों की मानें तो रेल मंत्रालय पहले 40 ट्रेनों में फ्लेक्‍सी फेयर घटाएगा. उसकी योजना कम व्‍यस्‍त रूटों पर स्‍पेशल डिस्‍काउंट योजना लागू करने की है. यही नहीं उन रूटों पर इसे खत्‍म किया जाएगा जहां यूटिलाइजेशन 50% से कम निकल रहा है. इससे पहले खबरें आ रही थीं कि रेल मंत्रालय इस योजना को उन रूटों पर खत्‍म कर सकता है जहां यात्रियों की मौजूदगी कम है.

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जुलाई 2018 में आई थी कैग रिपोर्ट

हमारी अंग्रेजी साइट जीन्‍यूज डॉटकॉम की खबर के मुताबिक भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में रेलवे को जमकर फटकार लगाई थी. CAG ने कहा था कि राजधानी, शताब्दी, दुरंतो एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर लागू होने के बाद 2-AC की 17% से ज्यादा सीटें खाली रहीं और 3-AC की 5% सीटें खाली थीं. वहीं, शताब्दी ट्रेनों की 25% सीटें खाली रही हैं.

फ्लेक्‍सी फेयर से भाग गए यात्री

कैग ने कहा था कि 3-AC से रेलवे पहले से फायदा कमा रहा था, इसलिए इसमें फ्लेक्सी किराया लागू करना उचित नहीं था. प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर लगने से 9 सितंबर 2016 से 31 जुलाई 2017 तक इन ट्रेनों से करीब 7 लाख मुसाफिर दूर भाग गए. फ्लेक्सी फेयर की वजह से रूट पर चलने वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों पर लोड भी बढ़ा है. 

मुनाफा बढ़ाने को लाई गई है ऐसी स्कीम

रेल मंत्री ने संसद में बताया था कि रेलवे नुकसान में नहीं है, बल्कि ऐसी स्कीम से रेलवे का मुनाफा बढ़ाने के लिए लाई जाती हैं. रेलमंत्री ने कहा कि पिछले करीब 4 साल से ट्रेनों का किराया नहीं बढ़ा है जिससे रेल बजट पर दबाव बन रहा है.

क्या है फ्लेक्सी फेयर प्रणाली

फ्लेक्सी फेयर प्रणाली को ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ाने और राजस्व में बढ़ोतरी के मकसद से शुरू किया गया था. इसके तहत यदि आप यात्रा की तिथि के लिए बुकिंग शुरू होने वाले दिन टिकट कराते हैं तो आपको इसके लिए कम पैसे देने होंगे. जैसे-जैसे यात्रा की तिथि नजदीक आती जाएगी, टिकट की कीमत में इजाफा होता जाता है.