पंजाब सरकार ने खेतिहर मजदूरों और भूमिहीन किसानों के लिये कर्ज माफी योजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी. राज्य सरकार की इस पहल से 2.85 लाख लोगों को कर्ज राहत मिलेगी जिसमें 70 प्रतिशत तक दलित शामिल हैं. लोकसभा चुनाव से पहले किये गये इस फैसले को मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई. 

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इस योजना से खेतिहर मजदूरों और प्राथमिक सहकारी कृषि सेवा सोसायटी से जुड़े भूमिहीन किसानों को कुल मिलाकर 520.55 करोड़ रुपये तक का फायदा पहुंचेगा. इस योजना में 31 मार्च 2017 तक का 388.55 करोड़ रुपये का मूल कर्ज, 78 करोड़ रुपये का ब्याज और इसके अलावा एक अप्रैल 2017 से लेकर 31 मार्च 2019 तक के बकाये पर 54 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है. 

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पिछले महीने पेश राज्य के बजट में भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के लिये कर्ज माफी योजना की घोषणा की थी जिसमें योजना के लिये 3,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी. राज्य सरकार छोटे और सीमांत किसानों के लिये पहले ही रिण माफी योजना चला रही हे. 

कर्ज माफी योजना के तहत 31 मार्च 2017 तक के 25,000 रुपये तक की मूल बकाया राशि और उस पर 7 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज पर ही कर्ज राहत उपलब्ध होगी. 

उन सदस्यों को यह कर्ज राहत नहीं दी जायेगी जो कि सरकारी, अर्धसरकारी, केन्द्र अथवा राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी अथवा पेंशनभोगी हैं या फिर आयकर का भुगतान करते हैं. 

राज्य सरकार का कहना है कि यह योजना उसकी अक्टूबर 2017 में घोषित कर्ज राहत योजना का ही विस्तार है. उस समय घोषित राहत योजना में छोटे और सीमांत किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किये गये थे. योजना के तहत अब तक 5.47 लाख किसानों का 4,600 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जा चुका है.