दालें हो जाएंगी सस्ती, अगर सरकार ने ले लिया यह फैसला
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन (All India Dal Mill Association) ने सरकार से ब्रांडेड दालों पर लागू पांच फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (GST) को हटाने की मांग की है.
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन (All India Dal Mill Association) ने सरकार से ब्रांडेड दालों पर लागू पांच फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (GST) को हटाने की मांग की है. दाल मिल एसोसिएशन का कहना है कि ब्रांडेड दालों पर जीएसटी लगाए जाने से दाल उद्योग को नुकसान हो रहा है और उपभोक्ताओं को महंगी दालें मिल रही है. अपनी मांगों को लेकर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को BJP के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिला.
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने अपनी मांगों से नड्डा को अवगत कराते हुए उनसे आग्रह किया कि वह दाल उद्योग और आम उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से इस विषय पर चर्चा करें. उन्होंने बताया कि भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वह इस संबंध में वित्त मंत्री से चर्चा करेंगे.
उन्होंने कहा, "वर्तमान में देश की दाल मिलों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग में रजिस्टर्ड कर रखा है, जिससे दाल उद्योग को विशेष वित्तीय सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. लिहाजा, भारत सरकार दाल उद्योग को कृषि आधारित उद्योग के तहत लघु उद्योगों की श्रेणी में शामिल करें और ऐसी योजना बनाए कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से इन उद्योगों को विशेष सहायता एवं सुविधा मिल सके.
उन्होंने कहा, "देश की दाल मिलों द्वारा देश के बाहर से 1.50 लाख मीट्रिक टन मटर आयात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के पास नियमानुसार आवेदन कर लाइसेंस शुल्क भी जमा करा दिया गया है, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक दाल मिलों को मटर आयात के लाइसेंस जारी नहीं हुए हैं."