दाल के दाम में होगी बढ़ोतरी! आयात पर प्रतिबंध रह सकता है जारी
इस साल अप्रैल में सरकार ने कारोबारियों को दिसंबर तक 1 लाख टन पीला मटर, 2 लाख टन अरहर और 3 लाख टन उड़द और मूंग आयात करने की अनुमति दी थी.
अगर आप दाल के शौकीन हैं तो आने वाले समय में आपको इसके लिए जेब अधिक ढीली करनी पड़ सकती है. सरकार दालों के आयात पर प्रतिबंध को अगले साल मार्च तक बढ़ाने पर विचार कर सकती है. सरकार का मानना है कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम जरूर मिले. आपको बता दें इस साल अप्रैल में सरकार ने कारोबारियों को दिसंबर तक 1 लाख टन पीला मटर, 2 लाख टन अरहर और 3 लाख टन उड़द और मूंग आयात करने की अनुमति दी थी.
व्यापारियों का है अलग तर्क
दाल को लेकर कारोबारियों की अलग राय है. उनका कहना है कि अरहर और उड़द की पैदावार उतनी नहीं हुई जितनी उम्मीद की जा रही थी. जब पैदावार कम है तो स्वाभाविक है दाल की कमी महसूस होगी. उनका कहना है कि इन हालात में सरकार को दाल के आयात करने की राह प्रशस्त करनी चाहिए. व्यापारियों की यह मांग है कि विदेशी व्यापार निदेशालय की तरफ से जारी अधिसूचना को भी खत्म कर देनी चाहिए.
11 लाख टन का है बफर स्टॉक
सरकार की तमाम एजेंसियों के पास इस वक्त दालों का पर्याप्त भंडार है. वर्तमान में देश में 11 लाख टन दालों का एक विशाल बफर स्टॉक है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि सरकार को दालों के आयात पर जारी प्रतिबंध को अभी और आगे बढ़ा देना चाहिए. इसका सबसे बड़ा फायदा देशभर के किसानों को मिलेगा. उन्हें उनकी फसल की अच्छी कीमत मिलेगी. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अरहर, मंूग और उड़द दाल का उत्पादन 92.2 लाख टन हो सकता है. हालांकि यह अनुमान पिछले साल के 94.04 लाख टन के उत्पादन से का ही है.
आयात नीति का करना होगा इंतजार!
इस साल अरहर दाल का उत्पादन कम रहने की आशंका है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक उद्योग के जानकार का मानना है कि सरकार की आयात नीति का इंतजार किया जाना चाहिए. इस साल दिसंबर अंत तक नई आयात नीति सामने आ सकती है. इससे दालों को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. अभी रबी फसल की बुआई चल रही है.