Property News: महामारी के बाद लोगों का निवेश के लिहाज से जमीन (land) के प्रति आकर्षण बढ़ा है. फ्लैट के मुकाबले जमीन के दाम में तेज वृद्धि से इसका पता चलता है.संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली एनारॉक ने एक रिपोर्ट में यह कहा कि देश के सात प्रमुख शहरों में भूखंडों (प्लॉट्स) का औसत मूल्य पिछले ढाई साल में 38 प्रतिशत तक बढ़ा है. इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीन की कीमत सबसे ज्यादा बढ़ी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, ये सात शहर हैं- बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली. इन क्षेत्रों में जमीन की कीमतों (price of lands) में करीब ढाई साल में अच्छा इजाफा हुआ है.

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यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीन की कीमतें सबसे तेज बढ़ीं

रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीन के मूल्य (price of lands) में सबसे ज्यादा 38 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इस क्षेत्र में भूखंडों की औसत कीमत 2,220 रुपये वर्ग फुट रही, जो 2019 के आखिर में 1,600 वर्ग फुट थी. ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) यानी नोएडा एक्सटेंशन में जमीन की कीमत 36 प्रतिशत तक बढ़ी. यहां भूखंड का मूल्य इस साल जून में 4,500 रुपये प्रति वर्ग फुट रहा. जबकि 2019 के अंत में 3,300 रुपये वर्ग फुट था. फरीदाबाद के नहरपार में भूखंड की कीमत 29 प्रतिशत बढ़कर 4,500 रुपये प्रति वर्ग फुट पहुंच गई है, जो 2019 के आखिर में 3,500 रुपये प्रति वर्ग फुट थी.

संपत्ति में निवेश करने वालों के लिए जमीन आकर्षक हुई

एनारॉक (Anarock Property report 2022) समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि महामारी के बाद संपत्ति में निवेश करने वालों के लिए जमीन आकर्षक हुई है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि बेहतर चुने गए भूखंड,अपार्टमेंट की तुलना में कहीं अच्छा रिटर्न दे रहे हैं. परामर्श कंपनी ने कहा कि रियल्टी क्षेत्र की बड़ी कंपनियां अब भूखंड उपलब्ध कराने के क्षेत्र में कदम रख रही हैं. यह अब छोटे और असंगठित रूप से काम करने वाली इकाइयों का मजबूत क्षेत्र नहीं रह गया है. एनारॉक ने कहा कि ब्रांड बेनिफिट के साथ भूखंड अब सम्मान की बात हो रहे हैं. ज्यादातर खरीदार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों से जमीन लेना पसंद कर रहे हैं. 

 

इन शहरों में कहां कीमतें बढ़ीं

रिपोर्ट (Anarock Property report 2022) के मुताबिक, बेंगलुरु में, 2019 के बाद से देवनहल्ली (18 प्रतिशत), अत्तिबेले में (24 प्रतिशत) और डोड्डाबल्लापुर रोड (18 प्रतिशत) के आसपास के भूखंडों के दाम बढ़े हैं. आंकड़ों के मुताबिक, चेन्नई में, पूनमल्ली में भूखंड की औसत कीमत में 22 प्रतिशत जबकि तांबरम में 25 प्रतिशत और नवलूर में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हैदराबाद में मेडचल, आदिबतला और घाटकेसर में भूखंड की औसत कीमतों में क्रमशः 21 प्रतिशत, 24 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

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भूखंडों के मामले में दाम में कमी नहीं देखी गई

कोलकाता के हावड़ा में भूखंड के दाम (price of lands) 20 प्रतिशत बढ़े हैं. एनारॉक के मुताबिक, पुणे के हिंजवडी में भूखंड के दाम क्रमश: 24 प्रतिशत, चाकण में 18 प्रतिशत और मंजरी में 18 प्रतिशत बढ़े हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वास्तव में मझोले शहरों में चारदीवारी यानी गेट वाले भूखंडों की मांग ज्यादा है. एनारॉक के मुताबिक, भूखंडों के मामले में दाम (Property News) में कमी नहीं देखी गई इसकी कीमत हमेशा बढ़ती है.