Project Tiger : प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने पर कर्नाटक पहुंचे पीएम मोदी ने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. सबसे पहले पीएम मोदी चामराजनगर जिले में स्थित बांदीपुर टाइगर रिजर्व पहुंचे. यहां उन्होंने जीप से पूरे रिजर्व का दौरा किया. इसके बाद पीएम जिले की सीमा से सटे तमिलनाडु स्थित मुदुमलाई बाघ अभयारण्य में थेप्पाकडू हाथी शिविर का भी दौरा किया. इस दौरान पीएम ने ऑस्कर विनिंग फिल्म ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ डॉक्यूमेंट्री के पात्र महावत बेली और बोमन से बातचीत भी की.

देश में 200 बाघ बढ़े

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पीएम मोदी का यह दौरा सफारी प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के कार्यक्रमों का एक हिस्सा है. उन्होंने ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के स्मरणोत्सव’ कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने ‘बाघ संरक्षण के लिए अमृत काल का विजन’, टाइगर रिजर्व के प्रबंधन प्रभावी मूल्यांकन के 5वें चक्र की सारांश रिपोर्ट का विमोचन किया.

 

बाघों की संख्या की घोषणा करते हुए उन्होंने अखिल भारतीय बाघ अनुमान (5वां चक्र) की सारांश रिपोर्ट जारी की. देश में इस समय 3167 बाघ हैं. आंकड़ों के मुताबिक पिछले 4 साल में 200 बाघ बढ़े. इससे पहले 2018 में ये संख्या 2967 थी. इसके अलावा प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर एक स्मारक सिक्का भी जारी किया.

भारत में दुनिया के 75 प्रतिशत बाघ 

इस दौरान पीएम ने संबोधित करते हुए कहा कि  हम सभी एक बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव के साक्षी बन रहे हैं, प्रोजेक्ट टाइगर को 50 वर्ष हो गए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने टाइगर को न सिर्फ बचाया है बल्कि उसे फलने फूलने का एक बेहतरीन ईको सिस्टम दिया है. उन्होंने आगे कहा कि देश में बाघों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा में प्रोजेक्ट टाइगर ने अग्रणी भूमिका निभाई है. प्रकृति की रक्षा भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय है. भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं और उसी समय दुनिया के 75 प्रतिशत बाघ भारत में निवास करते हैं.

प्रकृति की रक्षा करना संस्कृति का हिस्सा

पीएम ने कहा कि हमारे यहां टाइगर से जुड़ा हजारों साल का इतिहास है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां की समुदाय में टाइगर को पूजा जाता है. इसके अलावा टाइगर मां दुर्गा और भगवान अयप्पा का वाहन भी है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति की रक्षा करना संस्कृति का हिस्सा है. यही कारण है कि वन्य जीव संरक्षण में इसकी कई अनूठी उपलब्धियां हैं. दुनिया के केवल 2.4% भूमि क्षेत्र के साथ भारत वैश्विक विविधता में लगभग 8% योगदान देता है.

अन्य वन्य जीव का भी हो रहा संरक्षण

प्रोजेक्ट चीता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में दशकों पहले चीते विलुप्त हो गए थे लेकिन हम चीतों को दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लेकर आए और चीतों को एक देश से दूसरे देश में लाकर बसाने में हमें सफलता मिली है. यह हम सबके लिए प्रसन्नता का विषय है कि पिछले दिनों एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया है.  इतना ही नहीं लगभग 30,000 हाथियों के साथ हम दुनिया में सबसे बड़े एशियाई हाथियों की श्रेणी वाले देश हैं.

इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस का शुभारंभ

वन्य जीवन का संरक्षण एक यूनिवर्सल मुद्दा है. इस दौरान पीएम ने इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (आईबीसीए) का शुभारंभ किया.  इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस इस दिशा में ‘बड़ी बिल्लियों’ के संरक्षण एवं संरक्षण का एक प्रयास है. इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (आईबीसीए) इन प्रजातियों को शरण देने वाले आसपास के देशों की सदस्यता के साथ दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों, अर्थात- बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा. उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने जुलाई 2019 में वैश्विक नेताओं के एलायंस का आह्वान किया था ताकि एशिया में अवैध शिकार और अवैध वन्यजीव व्यापार पर सख्ती से अंकुश लगाया जा सके. पीएम के संदेश को आगे बढ़ाते हुए एलायंस की शुरुआत की जा रही है.

(रिपोर्ट-पीबीएनएस)

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