प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को तेल एवं गैस क्षेत्र की वैश्विक और भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ उभरते ऊर्जा परिदृश्य पर विचार-विमर्श करेंगे. इस बैठक में ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों तथा कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से वृद्धि पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा होगी. माना जा रहा है इस बैठक के बाद तेल कीमतों में कुछ विशेष बदलाव देखे जा सकते हैं. इस बीच सोमवार को दिल्‍ली और मुंबई समेत देश के अलग-अलग शहरों में सोमवार को पेट्रोल के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई लेकिन डीजल के दाम 8 पैसे बढ़ गए. 

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दिल्‍ली और मुंबई में रविवार को पेट्रोल 6 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था. सोमवार को दिल्‍ली में पेट्रोल की कीमतें 82.72 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही. साथ ही डीजल की कीमतें 8 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद 75.46 रुपये प्रति लीटर हो गईं. 

रविवार को मुंबई में पेट्रोल के दाम में 6 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी. इसके बाद यहां पेट्रोल के दाम 88.18 रुपये प्रति लीटर हो गया था. सोमवार को मुंबई में पेट्रोल के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ. वहीं मुंबई में सोमवार को डीजल 9 पैसे पैसे बढ़कर 79.11 रुपये प्रति लीटर हो गया.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तीसरी सालाना बैठक में तेल एवं गैस खोज तथा उत्पादन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने पर भी चर्चा होगी. पीएम मोदी की इस बारे में पहली बैठक 5 जनवरी, 2016 को हुई थी जिसमें प्राकृतिक गैस कीमतों में सुधार के सुझाव दिए गए थे. इसके एक साल से कुछ अधिक समय बाद सरकार ने गहरे समुद्र जैसे कठिन क्षेत्रों जहां अभी उत्पादन शुरू नहीं हुआ है, के लिए प्राकृतिक गैस के लिए ऊंचे मूल्य की अनुमति दी गई थी.

अक्टूबर, 2017 में इसके पिछले संस्करण में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के उत्पादक तेल एवं गैस क्षेत्रों में विदेशी और निजी कंपनियों को इक्विटी देने का सुझाव दिया गया था. लेकिन ओएनजीसी के कड़े विरोध के बाद इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका.

सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद ए अल फलीह, बीपी के सीईओ बॉब डुडले, टोटल के प्रमुख पैट्रिक फॉयेन, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और वेदांता के प्रमुख अनिल अग्रवाल के सोमवार की बैठक में शामिल होने की उम्मीद है. 

(इनपुट एजेंसी से)