प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 'प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा' नामक जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो-धामरा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना (जेएचबीडीपीएल) का प्रथम चरण राष्ट्र को समर्पित किया और पटना में शहर गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क का उद्घाटन किया. गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) ने एक बयान में बताया, "जेएचबीडीपीएल की पाइपलाइन की कुल लंबाई 2,655 किलोमीटर है और इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं और इसे 729 किलोमीटर पाइपलाइन के जरिए आगे बरौनी से गुवाहाटी (असम) तक बढ़ाया गया है."

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बयान के अनुसार, इस परियोजना की लागत 12,940 करोड़ रुपये है, जिसमें भारत सरकार से प्राप्त 40 फीसदी पूंजी अनुदान (अर्थात 5176 करोड़ रुपये) भी शामिल है. बिहार में कुल निवेश 2,300 करोड़ रुपये है.

गेल के अनुसार, बरौनी, सिंदरी और गोरखपुर में उर्वरक इकाइयों को पुनर्जीवित करने में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन महत्वपूर्ण होगी और यह पटना, वाराणसी, रांची, जमशेदपुर, भुवनेश्वर, कटक, कोलकाता और पाइपलाइन के रास्ते में पड़ने वाले अन्य शहरों में घरों और वाहनों के लिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी.

प्रधानमंत्री ने पटना में सीजीडी नेटवर्क का भी उद्घाटन किया, जिसके तहत घरेलू ग्राहकों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों जैसे होटल, रेस्तरां, उद्योग आदि को पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) की आपूर्ति की जाएगी, जबकि परिवहन क्षेत्र के लिए सीएनजी स्टेशनों के माध्यम से संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की आपूर्ति की जाएगी.

गेल को 'प्रधान मंत्री उर्जा गंगा' परियोजना के साथ पटना, वाराणसी, रांची, जमशेदपुर, भुवनेश्वर और कटक जैसे प्रमुख शहरों में सीजीडी नेटवर्क बिछाने के लिए अधिकृत किया गया है. 

'प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा' प्रथम चरण की नींव 25 जुलाई, 2015 को पटना में डाली गई थी. 585 किलोमीटर लंबे फूलपुर-दोभी-बरौनी खंड के साथ पटना और वाराणसी तक इसकी स्परलाइनें पूरी कर ली गई हैं.