राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 17 जून को वायु सेना अकादमी डंडीगल, हैदराबाद में पूरे सैन्य वैभव के साथ 211वें कोर्स की संयुक्त स्नातक परेड की सलामी लेंगी. बता दें भारतीय सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर के बतौर राष्ट्रपति परेड की मुख्य अतिथि और समीक्षा अधिकारी के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगी.

वायु सेना की टीमें दिखाएगी आसमानी करतब

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

समारोह में भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों समेत मित्र देशों के कैडेट्स को 'विंग्स' और 'ब्रेवेट्स' दिए जाएंगे. इन सभी कैडेट्स को वायु सेना ने प्रशिक्षित किया है. परेड के अंत में वायु सेना की सारंग और सूर्यकिरण टीम आसमानी करतब दिखाएंगी. परेड के बाद पिलाटस पीसी-7 ट्रेनर एयरक्राफ्ट एरोबैटिक प्रदर्शन करेगा. लड़ाकू विमान सुखोई-30 पीसी-7 करतब दिखाते हुए फ्लाई पास्ट करेंगे. इसके अलावा वायु सेना की हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम 'सारंग' और सूर्य किरण एरोबेटिक टीम आसमान में सिंक्रोनस एरोबेटिक डिस्प्ले करेगी.

यहां होगी संयुक्त स्नातक परेड

जानकारी के मुताबिक हैदराबाद के डंडीगल स्थित वायु सेना अकादमी में 17 जून 2023 को संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) आयोजित की जा रही है. दरअसल, भारत की विभिन्न शाखाओं के फ्लाइट कैडेट्स के चुनौतीपूर्ण प्री-कमीशनिंग प्रशिक्षण के बाद इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.    

प्रशिक्षित कैडेटों को दिए जाएंगे 'विंग्स' और 'ब्रेवेट्स'

परेड की मुख्य अतिथि और समीक्षा अधिकारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होंगी. परेड के दौरान प्रशिक्षण के सफल समापन को चिह्नित करते हुए फ्लाइट कैडेटों के कंधों पर रैंक का अनावरण किया जाएगा, जो राष्ट्रपति आयोग के पुरस्कार का प्रतिनिधित्व करता है. आरओ कैडेटों की छाती पर 'विंग्स' और 'ब्रेवेट्स' भी लगाए जाएंगे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें किस शाखा में नियुक्त किया जा रहा है.

प्रथम आने वाले फ्लाइट कैडेट को मिलेगा यह सम्मान

समारोह में भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों और मित्रवत विदेशी देशों के कैडेटों को 'विंग्स' और 'ब्रेवेट्स' की प्रस्तुति शामिल है, जिन्हें वायु सेना ने प्रशिक्षित किया है. वहीं ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम आने वाली फ्लाइंग ब्रांच के फ्लाइट कैडेट को परेड की कमान संभालने का विशेषाधिकार दिया जाएगा. उनके प्रदर्शन की मान्यता में 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' और राष्ट्रपति की पट्टिका से सम्मानित किया जाएगा. ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में समग्र ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम आने वाले फ्लाइट कैडेट को भी राष्ट्रपति की पट्टिका भेंट की जाएगी.

यहां से पास आउट होने वाले बनते हैं फाइटर पायलट

उल्लेखनीय है कि इस अकादमी में वायु सेना के पायलटों को लगातार चरणों में उड़ान भरने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. यहां से पास आउट होने वाले फाइटर पायलट के रूप में राफेल, सुखोई-30, मिग-29, मिग-21, मिराज-2000, तेजस विमान से लैस फ्रंट-लाइन कॉम्बैट स्क्वाड्रन में नियुक्त किए जाते हैं.

Report- PBNS

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें