राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCALT) ने इलाहाबाद बैंक की बर्खास्त प्रमुख उषा अनंतसुब्रमण्यन समेत 19 लोगों को पंजाब नेशनल बैंक के 14,000 करोड़ रुपये के ऋण घोटाले में आरोपी बनाने की सरकार को मंजूरी दे दी है. एनसीएलटी ने सरकार की याचिका पर यह निर्णय दिया है. उषा अनुतसुब्रमण्यम इलाहाबाद बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ बनने से पहले पंजाब नेशनल बैंक में भी शीर्ष पद पर रही थी. उनके पीएनबी में रहते ही यह घोटाला हुआ था. पीएनबी धोखाधड़ी मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं.

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मामले में सरकार जिन नये नामों को शामिल कराना चाहती है उनमें पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक केवी ब्रह्माजी राव, संजीव सरन; महाप्रबंधक नेहाल अहद और पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा के आंतरिक मुख्य ऑडिटर बिशुब्रत मिश्रा समेत अन्य शामिल हैं. पीएनबी की इसी शाखा में यह घोटाला हुआ था. 

एनसीएलटी की मंजूरी के बाद देश के इस सबसे बड़े वित्तीय घोटाले में आरोपियों की संख्या 88 तक पहुंच जाएगी. यह घोटाला पिछले साल जनवरी में उस समय सामने आया जब बैंक ने शेयरों बाजारों और सीबीआई को घोटाले के बारे में सूचना दी. घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स के अधिकारी भी शामिल हैं. 

सीबीआई के आरोप पत्र में घोटाले में इन लोगों की संलिप्तता दिखाए जाने के बाद कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने इन नए नामों को आरोपी के रूप में शामिल करने के लिए एनसीएलटी का रुख किया था. वीपी सिंह और रविकुमार दुरईसामी की अध्यक्षता वाली एनसीएलटी पीठ ने अगले आदेश तक इन 19 लोगों को अपनी संपत्ति को हस्तांतरित करने से रोक दिया है.