PM Svanidhi scheme: सरकार ने गुरुवार को संसद में बताया कि देश में अब तक लगभग 49.48 लाख स्ट्रीट वेंडरों की पहचान की गई है. इन स्ट्रीट वेंडर्स की सहायता करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (Prime Minister Svanidhi scheme) नाम से एक योजना चलाई है, जिसमें उन्हें 10 हजार रुपये तक का लोन मिलता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार ने लोकसभा में बताया कि उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 8.49 लाख स्ट्रीट वेंडर्स हैं. इसके बाद मध्य प्रदेश में 7.04 लाख, महाराष्ट्र में 5.84 लाख और तेलंगाना में 5.02 लाख स्ट्रीट वेंडर्स हैं. दिल्ली में केवल 72,457 स्ट्रीट वेंडर्स हैं. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक लिखित प्रश्न के उत्तर के अनुसार, सिक्किम में किसी भी स्ट्रीट वेंडर की पहचान नहीं की गई है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

 

स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शुरू की योजना

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने लिखित जवाब में बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स को सोशल और फाइनेंशियल सिक्योरिटी देने के लिए 4 जनवरी, 2021 को 125 शहरी स्थानीय निकायों में 'स्वनिधि से समृद्धि' की शुरुआत की गई. इसका उद्देश्य केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का चयन करने के लिए पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों को जोड़ना है.

10,000 रुपये तक लोन मिल जाता है

पीएम स्वनिधि योजना में रेहड़ी-पटरी वाले सस्ती दरों पर लोन ले सकते हैं. इसमें उन्हें 10,000 रुपये तक लोन उपलब्ध कराया जाएगा. इस लोन को वह एक साल में मासिक किस्त के रूप में लौटा सकते हैं. इस योजना से करीब 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ मिलने की उम्मीद है. अगर आप लोन की किस्त समय से या समय से पहले चुका देते हैं तो आपको 7 फीसदी सालाना ब्याज में सब्सिडी दी जाती है. इस ब्याज सब्सिडी को बैंक खाते में छमाही आधार पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिये से जमा करा दिया जाता है.

कौन ले सकता है लोन की सुविधा

ऐसे स्ट्रीट वेंडर या रेहड़ी-पटरी वाले जिनके पास अर्बन लोकल बॉडी से जारी सर्टिफिकेट और वेंडिंग या जारी किया गया आइडेंटिटी कार्ड मौजूद हो. साथ ही वैसे स्ट्रीट वेंडर, जो यूएलबीड पहचान सर्वेक्षण से छूट गए हैं या जिन्होंने सर्वेक्षण पूरा होने के बाद वेंडिंग शुरू कर दी है और उन्हें यूएलबी/टाउन वेंडिंग कमेटी द्वारा इस आशय का सिफारिश पत्र (एलओआर) जारी किया गया हो.