PM-SHRI Scheme: कैबिनेट ने दी मोदी सरकार के इस योजना को मंजूरी, 18 लाख से अधिक छात्रों का भविष्य होगा उज्जवल
PM-SHRI scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 सितंबर को PM SHRI योजना का ऐलान किया था, जिसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस योजना में 14,500 से अधिक स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा.
PM-SHRI scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीचर्स डे अवसर पर देश के 14 हजार से अधिक स्कूलों के लिए एक बड़ा ऐलान किया, जिसमें इन स्कूलों को पीएम-श्री योजना (PM-SHRI scheme) के तहत विकसित और अपग्रेड किया जाएगा. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मोदी सरकार की इस योजना को मंजूरी दे दी है. इसके तहत देश के 14,500 स्कूलों में लैब, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी और खेल सुविधा सहित आधुनिक बुनियादी ढांचों को मजबूत किया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा था कि प्रधान मंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM-SHRI) के तहत अपग्रेड किए गए इन स्कूलों में न्यू एजुकेशन पॉलिसी की भावना को पूरी तरह से समाहित करते हुए मॉडल स्कूलों का निर्माण किया जाएगा.
बता दें कि कैबिनेट ने बुधवार को पीएम श्री स्कूलों (PM ScHools for Rising India) की स्थापना के लिए एक नई केंद्र प्रायोजित योजना शुरू करने को मंजूरी दी. केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित 14 हजार से अधिक स्कूलों को PM SHRI Schools के रूप में उभरने के लिए मजबूत किया जाएगा.
18 लाख छात्रों को मिलेगा बेनिफिट्स
PM-SHRI योजना के तहत अपग्रेड किए गए 14 हजार से अधिक स्कूलों से देश के 18 लाख से अधिक छात्रों को बेहतर स्कूली शिक्षा मिलेगी. इसके लिए केंद्र सरकार ने 18,128 करोड़ रुपये का बजट आवंटित रखा है. वहीं 5 साल में इस योजना पर कुल 27,360 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है.
स्कूलों को मिलेंगी ये सुविधाएं
PM-SHRI स्कूलों में बच्चों को आधुनिक और परिवर्तनकारी तरीके से शिक्षा प्रदान की जाएगी. इसमें बच्चों के लिए जिज्ञासा और सवाल पूछने की क्षमता पर भी जोर दिया जाएगा और लेटेस्ट तकनीक, स्मार्ट क्लासेज, खेल और अधिक सहित आधुनिक बुनियादी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा.
न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर होगा जोर
PM-SHRI स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020) की पूरी भावना का प्रदर्शन किया जाएगा और ये अपने आसपास के अन्य स्कूलों को मेंटरशिप भी प्रदान करेंगे. प्रधान मंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा गया है कि इन स्कूलों का उद्देश्य न केवल गुणात्मक शिक्षण, सीखने और संज्ञानात्मक विकास होगा, बल्कि 21 वीं सदी के प्रमुख कौशल से लैस समग्र और अच्छी तरह से गोल व्यक्तियों का निर्माण भी होगा.