Centre State Science Conclave: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के साथ राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों के सचिव, उद्योग जगत के दिग्गज, उद्यमी, गैर-सरकारी संगठन, वैज्ञानिक और छात्र भी मौजूद थे. यह कार्यक्रम 2 दिनों तक चलेगा.

सॉल्यूशन और इनोवेशन ही विज्ञान का आधार पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के इस अमृत काल में भारत को रिसर्च और इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनाने के लिए हमें एक साथ अनेक मोर्चों पर काम करना है. अपनी साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़ी रिसर्च को हमें लोकल स्तर पर लेकर जाना है. जब ज्ञान-विज्ञान से हमारा परिचय होता है. तब संसार की सभी संकटों से मुक्ति का रास्ता अपने आप खुल जाता है. सॉल्यूशन और इनोवेशन का आधार विज्ञान ही है. इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है. सरकार विकास के मार्ग पर कर रही काम पीएम ने कहा हमारी सरकार विज्ञान आधारित विकास की सोच के साथ काम कर रही है. हमारी सरकार विज्ञान आधारित विकास की सोच के साथ काम कर रही है. 2014 के बाद से साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश में काफी वृद्धि की गई है. सरकार के प्रयासों से आज भारत इंटरनेशनल इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है, जबकि 2015 में भारत 81 नंबर पर था. वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करते हैं तो साइंस हमारे समाज का हिस्सा बन जाती है वो पार्ट ऑफ कल्चर बन जाती है.  इसलिए आज सबसे पहला आग्रह मेरा यही है कि हम अपने देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को जमकर सेलिब्रेट करें. भारत रिसर्च और इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनेगा. हमारी सरकार साइंस बेस्ड डेवलपमेंट की सोच के साथ काम कर रही है. किसी मामले में भारत पीछे नहीं पीएम ने आगे कहा कि पश्चिम में आइंस्टाइन, फेरमी, मैक्स प्लांक, नील्स बोर, टेस्ला जैसे वैज्ञानिक अपने प्रयासों से दुनिया को चौंका रहे थे. उसी दौर में भारत के सी वी रमन, जगदीश चंद्र बोस, सत्येन्द्र नाथ बोस, मेघनाद साहा, एस चंद्रशेखर समेत कई वैज्ञानिक अपनी नई-नई खोज सामने ला रहे थे. सम्मेलन का मकसद यह सम्मेलन का मकसद सहकारी संघवाद(cooperative federalism) के उत्साह से केंद्र और राज्य के बीच समन्वय और सहयोग तंत्र मजबूत करना है. यह कॉन्क्लेव पूरे देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के एक सशक्त इको-सिस्टम का निर्माण करेगा.