PM Modi in Kuno: "भारत की धरती पर लौट आए चीते"- पीएम मोदी ने दी बधाई, जानें संबोधन में क्या कहा!
भारत इन अफ्रीकी चीतों को एक्सपेरिमेंट के तौर पर स्वदेश ला रहा है. 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि अफ्रीकी चीतों को भारत लाकर उनके लिए जरूरी वातावरण देकर उन्हें बसाने का प्रयोग किया जा सकता है. तबसे केंद्र सरकार इसपर काम कर रही है.
(Image Source: ANI)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी देश नामीबिया से आए आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क छोड़ने के प्रोजेक्ट का हिस्सा बने. इन चीतों को उन्होंने आज कूनो नेशनल पार्क में सॉफ्ट रिलीज किया. ये आज सुबह ही भारत पहुंचे थे. सॉफ्ट रिलीज का मतलब इस बात से है कि इन्हें एनक्लोज्ड तरीके से लाया गया है और इन्हें बड़ी तैयारी से वाइल्ड में रिलीज किया गया है. इन्हें नामीबिया की राजधानी विंडहोक के एक गेम पार्क से लाया जा गया है. वहां से इन्हें पहले रोड से ले जाया गया और फिर यहां से उन्होंने चार्टर्ड बोइंग 747 से 11 घंटों की हवाई यात्रा तय की. इन आठ चीतों में से 5 मादा चीता हैं, वहीं 3 नर हैं.
PM मोदी ने लीवर घुमाकर वुडेन बॉक्स से इन चीतों को बाड़ों के पार रिलीज किया. इस मौके पर पीएम ने कहा कि "वर्षों की गलती सुधारी जा रही. अतीत को भुलाने की जरूरत है. अब भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं. मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर देशवासियों को बधाई देता हूं. मैं मित्र देश नामीबिया का धन्यवाद करता हूं."
Prime Minister Narendra Modi releases the cheetahs that were brought from Namibia this morning, at Kuno National Park in Madhya Pradesh. pic.twitter.com/dtW01xzElV
— ANI (@ANI) September 17, 2022
उन्होंने कहा कि "ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ. आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है."
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चीतों को देखने की उत्सुकता को लेकर PM मोदी ने कहा कि "कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा. आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं. कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा: अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है. हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है."
नामीबिया से स्पेशल चार्टर्ड फ्लाइट में लाए गए ये चीते आज सुबह ग्वालियर पहुंचे, यहां से इन्हें कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया.
#WATCH | Indian Air Force choppers, carrying 8 Cheetahs from Namibia, arrive at their new home - Kuno National Park in Madhya Pradesh.
— ANI (@ANI) September 17, 2022
(Video Source: Office of CM Shivraj Singh Chouhan's Twitter account) pic.twitter.com/nssqIKUQ5q
वीडियो में जो लकड़ी के बॉक्स दिख रहे है, उनमें ही इन चीतों को रखा गया था.
#WATCH | Madhya Pradesh: Earlier visuals of the 8 cheetahs from Namibia being brought out of the special chartered cargo flight that landed in Gwalior this morning.
— ANI (@ANI) September 17, 2022
Indian Air Force choppers,carrying the felines, are enroute Kuno National Park where they'll be reintroduced today pic.twitter.com/R2UV36N8E1
चीतों के लिए खास तैयारी
अफ्रीका से आ रहे इन चीतों के लिए खास तैयारी की गई है. इन्हें कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी पर्यावरण देने की कोशिश की जा रही है. खाने में इन चीतों को चीतल बहुत पंसद है, इनके लिए यह भी लाए गए हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट कर चीतों के आने पर बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन पर मध्यप्रदेश को इससे बड़ी सौगात हो नहीं मिल सकती कि चीते नामीबिया से भारत, भारत में भी मध्यप्रदेश, मध्यप्रदेश में भी कूनो पालपुर आ रहे हैं.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्रीमान @narendramodi जी के जन्मदिन पर मध्यप्रदेश को इससे बड़ी सौगात हो नहीं मिल सकती कि चीते नामीबिया से भारत, भारत में भी मध्यप्रदेश, मध्यप्रदेश में भी कूनो पालपुर आ रहे हैं। #MPWelcomesCheetah pic.twitter.com/7XPx8yzIzx
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 17, 2022
चीतों के लिए खास तैयारी
अफ्रीका से आ रहे इन चीतों के लिए खास तैयारी की गई है. इन्हें कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी पर्यावरण देने की कोशिश की जा रही है. खाने में इन चीतों को चीतल बहुत पंसद है, इनके लिए यह भी लाए गए हैं.
भारत में चीतों की 'घर-वापसी'
भारत में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था, लेकिन 2009 में प्रोजेक्ट चीता शुरू किया जिसके तहत भारत लगातार देश में चीतों को बसाने पर काम कर रहा है. और अब 70 साल बाद देश में चीतों की बसावट शुरू हो रही है. भारत इन अफ्रीकी चीतों को एक्सपेरिमेंट के तौर पर स्वदेश ला रहा है. 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि अफ्रीकी चीतों को भारत लाकर उनके लिए जरूरी वातावरण देकर उन्हें बसाने का प्रयोग किया जा सकता है. काफी वक्त से केंद्र सरकार इसपर काम कर रही है.
चीतों को पहले ईरान से लाया जाना था
इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले ईरान से चीते लाने पर विचार हुआ था. ईरानी चीतों के जेनेटिक्स अफ्रीकी चीतों जैसे होते हैं, ईरान इसके लिए राजी था, लेकिन उसने भारत के सामने एक शर्त रख दी. ईरान ने बदले में भारतीय शेर मांगे थे, जिसके चलते भारत ने अपना फैसला बदल दिया और फिर नामीबिया से बातचीत शुरू हुई. इसके अलावा केन्या से भी बातचीत हुई थी. केन्या से बातचीत अभी खत्म नहीं हुई है, संभव है कि आने वाले वक्त में केन्या से भी चीते लाए जाएं.
प्रोजेक्ट चीता के जरिए कई लक्ष्य भेदने पर फोकस
इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार अपने कई लक्ष्य साध लेना चाहती है. मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने बातचीत में कहा कि इस प्रोजेक्ट के साथ तीन आयामों में बदलाव दिखेंगे. पहला तो यहां का इको-सिस्टम ठीक होगा. दूसरा इंसानों और जानवरों के बीच की जो मित्रता है, उसको बढ़ावा मिलेगा. वहीं वाइल्ड लाइफ एरिया विकसित होने से पर्यटन और रोजगार बढ़ेगा.
12:29 PM IST