SCO SUMMIT: उज्बेकिस्तान के दो-दिवसीय दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, हो सकती है जिनपिंग से मुलाकात
SCO Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 15-16 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए उज्बेकिस्तान की यात्रा करेंगे.
SCO Summit 2022: उज्बेकिस्तान में सितंबर को होने वाले SCO समिट में पीएम मोदी शामिल होंगे. समरकंद (उज़्बेकिस्तान) में इस बार एससीओ की 22वीं शीर्ष स्तरीय बैठक है. इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी कुछ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव (Shavkat Mirziyoyev) के निमंत्रण पर, एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक 15-16 सितंबर को समरकंद में होगी.
समरकंद में होगा SCO Summit उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के आमंत्रण पर पीएम मोदी समरकंद के होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेंगे. 15-16 सितंबर को SCO का सम्मेलन होगा. यह अस्थिर वैश्विक स्थिति के बीच अहम शिखर सम्मेलन हो सकता है.विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, शिखर सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेता, पर्यवेक्षक देशों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी संरचना (आरएटीएस) के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति और अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे. इन नेताओं से भी होगी मुलाकात यूक्रेन-रूस संघर्ष के बाद पहली बार एक मंच पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ के साथ पीएम मोदी भी होंगे. वहीं यूक्रेन के खिलाफ आक्रामक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भी होंगे.विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के दौरे की जानकारी देते हुए ने बताया कि सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी कुछ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे.SCO में कौन-कौन देश शामिल
शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में शंघाई में की गई थी. वर्तमान में इस संगठन ने आठ देश- चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. चार पर्यवेक्षक देश- अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया संगठन की पूर्ण सदस्यता में शामिल होने में रुचि रखते हैं. संगठन में छह देश- आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की संवाद भागीदार की भूमिका में हैं. पिछले साल एक पूर्ण सदस्य देश के रूप में ईरान की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया गया था. वहीं, नए संवाद भागीदार के रूप में यह फैसला मिस्र, कतर और सऊदी अरब के लिए लिया गया था.