प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में चौथी औद्योगिक क्रांति केंद्र का उद्घाटन किया. इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अलग-अलग तकनीकों के बीच सामंजस्य-समन्वय चौथी औद्योगिक क्रांति का आधार बन रहा है. 

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उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में सैन फ्रांसिस्को, टोक्यो और बीजिंग के बाद अब भारत में इस महत्वपूर्ण सेंटर का खुलना, भविष्य की असीम संभावनाओं के द्वार खोलता है. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिफिसिल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग, बिग डेटा, ब्लॉकचेन और ऐसी तमाम नई तकनीकों में भारत के विकास को नई ऊंचाई पर ले जाने, रोजगार के लाखों नए अवसर बनाने और देश के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता है. भारत इसे सिर्फ इंडस्ट्री में परिवर्तन के तौर पर नहीं, बल्कि इसे सामाजिक परिवर्तन के आधार के तौर पर देख रहा है. इंडस्ट्री एक प्रोसेस है, टैक्नोलॉजी एक टूल है, लेकिन इसका अंतिम लक्ष्य, समाज की आखिरी पंक्ति में बैठे व्यक्ति के जीवन को आसान बनाना है, उसमें बदलाव लाना है.

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले देश की 59 पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी थीं, आज 1 लाख से ज्यादा पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंच चुका है. 2014 में देश में 83,000 सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) थे, आज 3 लाख सीएससी काम कर रहे हैं. देश के ग्रामीण इलाकों में सरकार 32,000 से ज्यादा वाई-फाइ हॉट स्पॉट मुहैया कराने पर काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि मुंबई में वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम का ये नया सेंटर इस कड़ी को और मजबूत करने का काम करेगा. ये सेंटर सबका साथ-सबका विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए प्रेरक और पूरक की तरह काम करेगा. ये सेंटर नई-नई उभरती तकनीकों के इर्द-गिर्द सरकार की नीतियों को डिजाइन करने में भी मदद करेगा. इन सभी प्रमुख विषयों में, अलग-अलग स्तर पर भारत में काम शुरू हो चुका है. इन कार्यों में ‘Solve for India, Solve for the World’ का लक्ष्य भी समाहित है. हम ‘Local Solution से Global Application’ की तरफ भी बढ़ रहे हैं और इसमें टेक्नोलॉजी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. 

उन्होंने कहा, 'जब पहली औद्योगिक क्रांति हुई, तब भारत गुलाम था. जब दूसरी औद्योगिक क्रांति हुई, तब भी भारत गुलाम था. जब तीसरी औद्योगिक क्रांति हुई, तो भारत स्वतंत्रता के बाद मिली चुनौतियों से ही निपटने में संघर्ष कर रहा था. लेकिन अब 21वीं सदी का भारत बदल चुका है. मैं मानता हूं कि चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत का योगदान, पूरे विश्व को चौंकाने वाला होगा. अभूतपूर्व, अप्रत्याशित, अकल्पनीय योगदान.' 

उन्होंने कहा कि हमारी विविधता, हमारा जनसांख्यिकीय क्षमता, तेजी से बढ़ता बाजार और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, भारत को रिसर्च और कार्यान्वयन का ग्लोबल हब बनाने की क्षमता रखता है. भारत में होने वाले अविष्कारों का लाभ पूरी दुनिया को मिलेगा, पूरी मानवता को मिलेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग चिंता करते हैं कि टेक्नोलॉजी का ये उत्थान, रोजगार कम कर देगा. लेकिन सच्चाई ये है कि मानव जीवन की जिन वास्तविकताओं को हमने आज तक छुआ तक नहीं है, उसके द्वार अब चौथी औद्योगिक क्रांति के द्वार खुलेंगे. यह काम करने की आदतों को काफी हद तक बदल देगा.

इस वास्तविकता को समझते हुए ही भारत सरकार स्किल इंडिया मिशन, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन जैसे कार्यक्रम चला रही है. हमारे देश का युवा बदलती हुई तकनीकों के लिए तैयार हो सके, उस पर पहले से काम किया जा रहा है.