PM Modi at Chennai: प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को चेन्नई दौरे पर हैं. इस दौरान पारंपरिक तमिल परिधान पहनकर उन्होंने श्री रंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की. प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के इस प्राचीन मंदिर में दर्शन के दौरान ‘वेष्टि’  और शॉल पहना था. उन्होंने भगवान विष्णु के मंदिर में पूजा-अर्चना की और हाथी को भोजन खिलाकर आशीर्वाद भी लिया. मोदी ने इस दौरान श्री रंगनाथस्वामी के दर्शन किए. उन्हें मंदिर के पुजारियों ने 'सदरी' प्रदान की.

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पीएम ने प्राचीन वैष्णव मंदिर में भी की पूजा प्रधानमंत्री ने वैष्णव संत-गुरु श्री रामानुजाचार्य और श्री चक्रथाझवार को समर्पित कई 'सन्नाधि' (देवताओं के लिए अलग-अलग पूजास्थल) में प्रार्थना की. तमिल में इष्टदेव को रंगनाथर के नाम से जाना जाता है. श्रीरंगम मंदिर तमिलनाडु का एक प्राचीन वैष्णव मंदिर है और यह संगम युग का है. विभिन्न राजवंशों ने इस मंदिर का निर्माण और विस्तार किया.

जानें मंदिर का इतिहास

इस मंदिर के निर्माण में चोल, पांड्या, होयसल और विजयनगर साम्राज्य के राजाओं ने योगदान दिया है. श्रीरंगम मंदिर कावेरी और कोल्लीदम नदियों के संगम पर एक द्वीप पर स्थित है. श्रीरंगम मंदिर को 'बोलोगा वैकुंठम' या 'पृथ्वी पर वैकुंठम' के नाम से भी जाना जाता है. प्रधानमंत्री शनिवार को चेन्नई से यहां पहुंचे और मंदिर जाते समय अपनी कार के पायदान पर खड़े होकर उन्होंने लोगों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं की ओर हाथ हिलाकर उनका स्वागत किया. प्रधानमंत्री इसके बाद रामेश्वर के अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे.

श्री राम के पूर्वजों से है मंदिर का नाता

श्रीरंगम में श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर में पीएम का दौरा बेहद खास है. इस मंदिर का श्री राम से गहरा नाता है. श्रीरंगम में पूजे जाने वाले देवता श्री रंगनाथ स्वामी हैं, जो विष्णु का एक रूप हैं. इस मंदिर की कहानी कहती है कि श्रीरंगम में जो मूर्ति है, उसकी पूजा मूल रूप से श्री राम और उनके पूर्वजों द्वारा की गई थी. यह ब्रह्मा द्वारा श्री राम के पूर्वजों को दिया गया था. श्री राम ने की थी इस मंदिर में पूजा वे इस मूर्ति को अयोध्या में अपने साथ रखते थे और दैनिक पूजा सुनिश्चित करते थे. एक बार जब विभीषण ने श्री राम से एक अनमोल उपहार मांगा तो उन्होंने यह मूर्ति विभीषण को दे दी और इसकी पूजा करने को कहा. जब विभीषण लंका की ओर जा रहे थे तो रास्ते में यह मूर्ति श्रीरंगम में स्थापित हो गयी. प्रधानमंत्री के लिए रामलला के स्वागत के लिए खुद को तैयार करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि वह उस भगवान से आशीर्वाद लें जिसकी पूजा श्री राम ने की हो.