प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को भारतीय उद्योग जगत के साथ कारोबार सुगमता पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में ईज ऑफ डूइंग विषय पर चर्चा की. 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' सुधारने के लिए प्रधानमंत्री की कारोबारी जगत को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि 4 साल में अंदर भारत रैंकिंग में 142 से 77वें स्थान पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि भारत के टॉप 50 रैंक में आने में कुछ ही कदमों की दूरी है. और इस दूरी को खत्म करने के लिए विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए निवेश में बढ़ोतरी जरूरी है. 

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प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतियों में सुधार से अब अधिक से अधिक लोग टैक्स देने लगे हैं. उन्हें लगने लगा है कि सरकार उनके पैसे का सही उपयोग कर रहे हैं. पासपोर्ट अब 1 हफ्ते के अंदर मिल रहा है, आयकर रिफंड महीनों की बजाय हफ्तों में मिल रहा है. बिजनेस में सुधार से जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है.

शीर्ष 50 देशों में पहुंचाने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष 50 देशों में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं. सरकार के स्तर पर नीतिगत अपंगता का दौर खत्म हो चुका है. उनकी सरकार ने नीति आधारित शासन दिया है, जिससे विश्वबैंक की 190 देशों की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 142वें से स्थान से ऊपर चढ़कर इस साल 77वें स्थान पर पहुंच गया.

उन्होंने कहा कि देश में कंपनियों के लिये काम करने को आसान बनाने के लिए सुधार जारी रहेंगे और प्रक्रियाओं को और सरल बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़ाकर 5,000 अरब डॉलर करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं.  

वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के समय कारोबार सुगमता की सूची में भारत 142वें स्थान पर था.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उस समय देश लालफीताशाही और नीतिगत अपंगता में जकड़ा हुआ था. चार साल के सुधारों के बाद विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में कारोबार सुगमता के मामले में भारत 190 देशों की सूची में 77वें स्थान पर पहुंच गया. इससे पिछले साल भारत 100वें स्थान और उससे पिछले साल 130वें स्थान पर था. 

मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में भारत ने इस रैंकिंग में 65 स्थानों की छलांग लगाई है. विश्व बैंक की इस रैंकिंग में न्यूजीलैंड पहले उसके बाद सिंगापुर, डेनमार्क और हांगकांग का स्थान रहा है. अमेरिका आठवें और चीन को 46वां स्थान मिला है. पाकिस्तान इस सूची में 136वें स्थान पर है. विश्व बैंक की यह रिपोर्ट दस मानकों के आधार पर तैयार की जाती है. इसमें कोई भी व्यावसाय शुरू करने, निर्माण अनुमति मिलने, बिजली कनेक्शन पाने, कर्ज मिलने, कर का भुगतान, विदेश व्यापार, अनुबंध का क्रियान्वयन और दिवाला समाधान जैसे मुद्दों पर गौर किया जाता है.