PM Kisan योजना से किसानों को डबल फायदा, सस्ते कर्ज के साथ बीमा योजना का कवर भी
प्रधानमंत्री ने एक साल पहले 24 फरवरी 2019 को गोरखपुर में पीएम-किसान की पहली किश्त सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजकर इस योजना का आगाज किया था.
केंद्र सरकार (Modi Government) किसानों की आमदनी (Farmers' Income) बढ़ाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने का हर संभव प्रयास कर रही है. इस कड़ी में किसानों के लिए कई राहत योजनाएं भी शुरू की गई हैं. किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) धारक किसानों के लिए बैंकों से सस्ता कर्ज लेना आसान हो गया है, इसलिए सरकार ने पीएम-किसान योजना (PM Kisan) का दायरा बढ़ाकर इसके सभी लाभार्थियों को केसीसी की सुविधा देने का फैसला लिया है. इससे छोटे किसानों को अब कर्ज के लिए साहूकारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. पीएम-किसान के लाभार्थियों को पीएम-किसान जीवन ज्योति बीमा (PM Jeevan Jyoti Bima Yojana) और पीएम जीवन सुरक्षा बीमा से भी जोड़ा जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चित्रकूट में एक कार्यक्रम के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "बैंक से सस्ता और आसान कर्ज मिलने से किसानों अब कर्ज के लिए इधर-उधर कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी."
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) की पहली वर्षगांठ पर आयोजित यहां एक समारोह में प्रधानमंत्री ने यहां पीएम-किसान के कुछ लाभार्थियों को सांकेतिक तौर पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) भी बांटे. इस मौके पर देशभर में बैंकों की 28,000 शाखाओं में किसानों को केसीसी बांटने का विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. केसीसी धारक किसानों को बैंकों से महज चार फीसदी ब्याज दर पर अल्पावधि ऋण मिलता है.
पीएम-किसान योजना के तहत लाभार्थी को सालाना मिलने वाली 6,000 रुपये की राशि तीन समान किश्तों में दी जाती है जिसका लाभ देश के करीब 8.52 करोड़ किसानों को मिलने लगा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "पीएम-किसान के सभी लाभार्थियों को केसीसी की सुविधा देने की कोशिश जारी है. अभी करीब पौने दो करोड़ लाभार्थी इससे वंचित हैं. इस अंतर को भरने के लिए 15 दिनों का एक विशेष अभियान चलाया गया और 40 लाख से अधिक किसानों को केसीसी से जोड़ा गया."
किसान उत्पादक संगठन
प्रधानमंत्री ने किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आमदनी बढ़ाने के मकसद से 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization) बनाने के कार्यक्रम की भी शुरुआत की. केंद्र सरकार ने अगले पांच साल में 10,000 नए एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा है. इस पूरे अभियान पर अगले पांच साल में 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
देश में छोटे जोत के आकार यानी कम जमीन वाले किसानों की आबादी अधिक है जो साधनहीन हैं लिहाजा सरकार ने उनको समूह में जोड़कर किसान उत्पादक संगठन बनाने का फैसला लिया है, ताकि फसलों के उत्पादन, प्रसंस्करण व व्यापार में किसानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए.
मोदी ने कहा, "किसान अब फसल भी बोएगा और कुशल व्यापारी की तरह मोलभाव करके अपनी उपज का सही दाम भी प्राप्त करेगा."
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बता दें कि प्रधानमंत्री ने एक साल पहले 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के ही गोरखपुर में आयोजित किसानों के एक सम्मेलन में पीएम-किसान की पहली किश्त सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजकर इस योजना का आगाज किया था. हालांकि इसकी घोषणा एक फरवरी 2019 को पेश आम बजट में ही की गई थी. प्रत्येक लाभार्थी किसानों को साल में 6,000 रुपये तीन समान किश्तों में आर्थिक मदद की यह योजना घोषणा से पूर्व दिसंबर 2018 से ही लागू की गई थी.