केंद्रीय स्टील एवं भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी आज सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान स्टील इंडस्ट्री के लिए 'पीएलआई योजना 1.1' लॉन्च करेंगे. इस योजना के जरिए सरकार की कोशिश देश में स्टील मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना है. स्टील मंत्रालय द्वारा नवंबर 2020 में शुरू की गई पीएलआई योजना से 27,106 करोड़ रुपये के निवेश, 14,760 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 7.90 मिलियन टन 'स्पेशलिटी स्टील' के उत्पादन का अनुमान है.

नवंबर 2024 तक कंपनियों ने किया 18,300 करोड़ रुपये का निवेश

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नवंबर 2024 तक, कंपनियों ने 18,300 करोड़ रुपये का निवेश किया है और 8,660 से अधिक रोजगार सृजित किए हैं. रविवार को स्टील मंत्रालय की ओर से दिए गए आधिकारिक बयान में कहा गया था कि मंत्रालय द्वारा लगातार योजना में भागीदार कंपनियों से बातचीत की जा रही है और इस आधार पर हमें लगा कि अधिक भागीदारों को आकर्षित करने के लिए हमें योजना को दोबारा अधिसूचित करने की आवश्यकता है.

मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट करने के लिए शुरू की गई थी ये योजना

प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम 2020 (Production Linked Incentive Scheme 2020) में ग्लोबल लॉकडाउन के समय घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट करने के लिए शुरू हुई थी. शुरुआत में ये तीन सेक्टरों के लिए थी, जिसे नवंबर 2020 में बढ़ाकर स्टील सेक्टर के लिए भी लागू कर दिया गया. स्टील मंत्रालय ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और नेट जीरो लक्ष्य की दिशा में प्रगति करने में स्टील इंडस्ट्री की मदद के लिए 15,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ 'ग्रीन स्टील मिशन' भी तैयार कर रहा है.

इस मिशन में ग्रीन स्टील के लिए पीएलआई योजना, रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग के लिए प्रोत्साहन और उद्योग की पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए सरकारी एजेंसियों के लिए ग्रीन स्टील खरीदने का आदेश शामिल है. न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय (एमएनआरई) ने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग के लिए राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू किया है. स्टील सेक्टर भी इस मिशन में एक पक्षकार है और उसे वित्तीय वर्ष 2029-30 तक मिशन के तहत आयरन और स्टील सेक्टर में पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 455 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया गया है.