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अब मछुआरों की आमदनी भी होगी दोगुनी, सरकार ने शुरू की मत्स्य संपदा योजना

केंद्रीय पशुपालन मत्स्यपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पहले दक्षिण भारत और समुद्र के नजदीक के प्रांतों से ही मछली और उससे जुड़े उत्पादों का निर्यात होता था, लेकिन अब उत्तर भारत भी मछली निर्यात का केंद्र बनेगा.
Updated on: May 27, 2020, 09.50 AM IST
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मछुआरों की आमदनी

सरकार ने मछली उत्पादन में तकनीक के इस्तेमाल से मछुआरों की आमदनी बढ़ाकर दोगुना करने का टारगेट तय किया है. सरकार भारत में मछली पालन के लिए केज कल्चर को बढ़ावा देगी.

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झींगा मंछली उत्पादन

उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खारे पानी के तालाबों में श्रिंप यानी झींगा मंछली उत्पादन की अपार संभावना है. यहां मछली पालन को बढ़ावा देकर मछली एक्सपोर्ट का हब बनाया जाएगा.   

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मछली पालन को बढ़ावा

सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत अगले पांच साल में देश में मछली पालन को बढ़ावा देने और निर्यात को दोगुना करने के टारगेट को हासिल करने की प्लानिंग तैयार की है.   

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अपार संभावानाएं

भारत में मछली उत्पादन के क्षेत्र में अपार संभावानाएं हैं और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 20,050 करोड़ रुपये की राशि के निवेश से इस क्षेत्र को मजबूती मिलेगी.

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मछली निर्यात बढ़ाना

देश से मछली उत्पादों का निर्यात अगले पांच साल में 46,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है.

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आत्मनिर्भर भारत अभियान

पिछले दिनों सरकार ने कोरोना महामारी के संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी.

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20,050 करोड़ रुपये पैकेज

इस पैकेज में मछली पालन क्षेत्र के लिए भी पीएमएमएसवाई के तहत 20,050 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. इस पैकेज को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है.

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मछली उत्पादन को बढ़ावा

मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मछली पालन क्षेत्र में बुनियादी संरचना निर्माण, आधुनिकीकरण, उत्पादन ट्रेंसिबिलिटी, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट और क्वालिटी कंट्रोल पर जोर दिया जाएगा.

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मछली पालन में तकनीक

मछली पालन में तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे मछुआरों को समुद्र में मछली पकड़ने के लिए भी जानकारी मिलेगी कि कहां पर उनकों मछली मिल सकती है. साथ ही मछुआरों को समुद्री सीमा और मौसम की भी जानकारी मिलती रहेगी.