INS विक्रांत की क्या है ताकत, कितने एयरक्रॉफ्ट होंगे तैनात, कितनी लागत में बना- जानिए 5 बड़ी खासियत
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Fri, Sep 02, 2022 10:57 AM IST
Aircraft carrier INS Vikrant: देश के लिए आज ऐतिहासिक दिन है. प्रधानमंत्री मोदी ने आज यानी 2 सितंबर को पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर 'आईएनएस विक्रांत' (INS Vikrant) भारतीय नौसेना (Indian Navy) को सौंप दिया है. ये देश के समुद्री इतिहास में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा जहाज है. इस एयरबेस में लगा स्टील भी स्वदेशी है, जिसे भारत के वैज्ञानिकों ने ही विकसित किया है. इसमें जितनी बिजली पैदा होती है उससे . ये पहला मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट कैरियर है. INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है.
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भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर
INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है. आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है. आज INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है.
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25 साल बाद हुआ INS विक्रांत का पुनर्जन्म
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INS विक्रांत कि क्या है खासियत
ये भारत का पहला स्वेदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, जो कि भारत में बना सबसे बड़ा युद्धपोत है. इसमें 30 एयरक्राफ्ट रखने की क्षमता है. 15 डेक, मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल, पूल. वहीं इसमें महिला अवसरों के लिए स्पेशल केबिन खुलवाया गया है. INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है.
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INS विक्रांत की कीमत, लंबाई और चौड़ाई
INS विक्रांत की कीमत 20000 करोड़ है. इसका वजन 40,000 टन है. इसकी लंबाई 262 मीटर है. वहीं इसकी चौड़ाई 62 मीटर है. INS विक्रांत की कुल केबल बिछाने की लंबाई 2400 किमी है जो कोच्चि और दिल्ली के बीच की दूरी के बराबर है. विमानवाहक पोत के 2,300 डिब्बों में 1,700 नाविकों के लिए जगह है, साथ ही महिला अधिकारियों के लिए विशेष केबिन भी हैं.
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