पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. पेट्रोल की कीमतें फिर उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गई हैं. इस बीच, कच्चा तेल (Crude Oil) उत्पादक और निर्यातक देशों का समूह ओपेक (Opec) ने तेल के उत्पादन में कटौती जारी रखने की बात कह दी है. इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी का रुख बना रह सकता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ने से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है.

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सऊदी अरब की सरकारी कंपनी सऊदी अरामको (Saudi Aramco) के तेल संयंत्रों पर सितंबर में हुए हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया था, जिस कारण भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली थी और अक्टूबर में पेट्रोल का भाव इस साल के सबसे ऊंचे स्तर पर चला गया था.

पेट्रोल की कीमत दो अक्टूबर 2019 दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नै में पेट्रोल क्रमश: 74.61 रुपये, 77.23 रुपये, 80.21 रुपये और 77.50 रुपये लीटर हो गई थी. इस समय भी पेट्रोल इसी भाव के करीब है.

अंतररष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव बीते कारोबारी सत्र में दो महीने के ऊंचे स्तर पर चला गया और इस महीने में ब्रेंट के भाव में करीब तीन डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी हुई है.

ऊर्जा विशेषज्ञों की मानें तो अगले महीने ओपेक की बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में की जा रही कटौती को आगे जारी रखने पर फैसला लिया जा सकता है, जिससे आने वाले दिनों में तेल की कीमतों को सपोर्ट मिलेगा. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के दाम में और बढ़ोतरी हो सकती है.

OPEC द्वारा इस समय रोजाना 12 लाख बैरल की कटौती की जा रही है और बैठक में इसे मार्च 2020 के आगे भी जारी रखने पर सहमति बनने की उम्मीद है.

बीते सप्ताह शुक्रवार को इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (ICE) पर ब्रेंट क्रूड का फरवरी अनुबंध 63.37 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था जबकि 31 अक्टूबर 2019 को ब्रेंट का भाव 60.23 डॉलर प्रति बैरल था.