परीक्षा पे चर्चा 2020: स्टूडेंट्स के लिए PM मोदी का गुरुमंत्र, 'रोजाना 1-2 घंटे टेक्नोलॉजी से रहें दूर'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिर्फ परीक्षा के अंक ही जिंदगी नहीं है, यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है लेकिन इसे ही सबकुछ नहीं मानना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 'परीक्षा पे चर्चा 2020' (PARIKSHA PE CHARCHA 2020) कार्यक्रम के तहत देशभर के स्टूडेंट्स, टीचर और अभिभावकों से बातचीत की. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स को परीक्षा के तनाव को दूर करने के मंत्र दिए. बच्चों ने भी पीएम मोदी से सीधा संवाद कर एग्जाम के दौरान आने वाली परेशानियों से रू-ब-रू कराया.
'परीक्षा पे चर्चा' (PARIKSHA PE CHARCHA) कार्यक्रम की तीसरी कड़ी में आज सोमवार को तालकटोरा स्टेडियम (Talkatora Stadium) में देशभर के 2000 से अधिक स्टूडेंट्स, उनके अभिभावक और टीचरों ने शिरकत की. पहली बार देश के विभिन्न स्कूलों के 50 दिव्यांग छात्रों भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
'परीक्षा पे चर्चा' (PPC 2020) के दौरान तालकटोरा स्टेडियम में आए ज्यादातर छात्रों का चयन mygov प्लेटफॉर्म पर एक निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया. इस प्रतियोगिता में कक्षा 9 से 12वीं के 2.60 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया. छात्रों ने ऑनलाइन ही प्रधानमंत्री को अपने सवाल भी भेजे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टूडेंट्स से संवाद करते हुए कहा कि वह अपनी बात #Withoutfiltor शुरू करते हैं. आप जैसे अपने दोस्तों से बात करते हैं, ठीक उसी तरह हम आपस में बात करेंगे.
राजस्थान के स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट मॉर्डन स्कूल की यशश्री ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि बोर्ड एग्जाम का हम बिना किसी तनाव के कैसे सामना करें, इस पर हमें सुझाव दें.
इस पर पीएम ने कहा, 'नौजवानों का तो मूड ऑफ होना ही नहीं चाहिए. क्या कभी हमने सोचा है कि मूड ऑफ क्यों होता है, अपने खुद के कारण से या बाहर की परिस्थिति से. ज्यादातर मामलों में बाहर की परिस्थितियां ज्यादा जिम्मेदार होती हैं. आपने अपनी अपेक्षा को अपने साथ इस कदर जोड़ दिया है कि उसके पूरा होने में जरा भी देरी होने पर मूड ऑफ हो जाता है. मन का सही तरीके से मैनेजमेंट करके हम इन परिस्थितियों से निकल सकते हैं.'
उन्होंने कहा कि सिर्फ परीक्षा के अंक ही जिंदगी नहीं है, यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है लेकिन इसे ही सबकुछ नहीं मानना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'हम विफलताओं से भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं. हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो.'
'जाने अनजाने में हम उस दिशा में चल पड़े हैं जहां सफलता-विफलता का मुख्य बिंदु कुछ विशेष परीक्षाओं में हासिल किए गए मार्क्स बन गए हैं। इसकी वजह से मन में यही रहता है कि एक बार मार्क्स ले आऊं बाकी सब बाद में करुगा.'
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तकनीक के इस्तेमाल पर पीएम मोदी ने कहा कि तकनीक को अपना दोस्त बनाएं, विज्ञान और तकनीक का जीवन में बड़ा महत्व है लेकिन स्मार्टफोन से ज्यादा वक्त आपअपने परिवार के साथ गुजारें. तकनीक का जिंदगी में अहम स्थान है लेकिन इसका गुलाम नहीं बनना चाहिए. दिन में एक या दो घंटा ऐसे निकालिए जब आप तकनीक से दूर रहें.