मध्य प्रदेश : खनन के दौरान मिला करोड़ों का हीरा, पल में बदल गई किसान की किस्मत
खनन के दौरान मिलने वाले हीरों की नीलामी की जाती है. नीलामी में मिलने वाली रकम से सरकारी रॉयल्टी व टैक्स काटने के बाद बची राशि उसे दे देती है, जिसे हीरा मिला होता है.
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की पहचान हीरा के कारण है. यहां कई लोगों की जिंदगी हीरा मिलने से बदली है. शनिवार को भी एक मजदूर को हीरा मिला, जिसकी बाजार में कीमत लगभग एक करोड़ रुपये आंकी जा रही है.
हीरा अधिकारी कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, शनिवार 29 दिसंबर को हीरा खदान क्षेत्र कल्याणपुर में राधेश्याम सोनी को एक हीरा मिला. यह हीरा 18 कैरेट 13 सेंट का है, जो चेहरा उज्जवल किस्म का है. बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि यह हीरा अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग एक करोड़ रुपये मूल्य का है.
अक्टूबर में मिला 2.5 करोड़ का हीरा
मध्य प्रदेश में पन्ना में हीरा खदान हैं और यहां हीरा विभाग की देखरेख में खनन का काम चलता रहता है. अक्टूबर में पन्ना से करीब 9 किलोमीटर दूर कल्याणपुर गांव में मोतीलाल प्रजापति को एक बड़ा हीरा मिला था. खुदाई के दौरान मिला हीरा 42.59 कैरट का था और यह अब तक मिला दूसरा सबसे बड़ा हीरा था. विशेषज्ञों ने उसकी कीमत 2.5 करोड़ रुपये आसपास बताई थी. बताते हैं पन्ना की खदानों से अब तक का सबसे बड़ा हीरा 1961 में निकला था. वह हीरा 44.55 कैरट का था.
नीलामी के बाद मिलती है रकम
पन्ना के सरकारी डायमंड ऑफिस के वैल्युअर के मुताबिक, खनन के दौरान मिलने वाले हीरों की नीलामी की जाती है. नीलामी में मिलने वाली रकम से सरकारी रॉयल्टी व टैक्स काटने के बाद बची राशि उसे दे देती है, जिसे हीरा मिला होता है. हीरे की बिक्री के बाद साढ़े ग्यारह प्रतिशत रॉयल्टी एवं 1 प्रतिशत इनकम टैक्स काटा जाता है. अगर पैन कार्ड नहीं है तो 20 प्रतिशत तक टैक्स काटा जाता है.
14 सितंबर को भी सरकोहा गांव में एक किसान को 12.58 कैरेट का हीरा मिला था, जिसकी कीमत करीब 30 लाख रुपये आंकी गई थी.