'माफ कीजिएगा! हमारे इस मार्च से आपको परेशानी हुई होगी...हम किसान हैं. आपको तंग करना हमारा इरादा नहीं है. हम खुद बहुत परेशान हैं. यह है उन करोड़ों किसानों का दर्द, जो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन से अक्सर आम लोगों को परेशानी होती है. इसलिए किसानों ने अपना दर्द उन लोगों तक पहुंचाया, जो आंदोलन से परेशान होकर अक्सर आंदोलन करने वालों को भला-बुरा कहते हैं. लेकिन, किसानों का यह दर्द पढ़कर शायद ही आंदोलन पर किसी को आपत्ति हो. 

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पीले रंग के पर्चे में किसान अपना दर्द खुद दिल्ली के रामलीला मैदान में बांट रहे हैं. उन्होंने अपने इस पर्चे को सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों तक पहुंचाया. उन्‍होंने पीले रंग के इस पर्चे से लोगों तक यह पहुंचाने की कोशिश की कि उन्हें क्या भाव मिलता है और आम जनता क्या दाम देती है.

इसमें किसानों ने लिखा है- 'माफ कीजिएगा! हमारे इस मार्च से आपको परेशानी हुई होगी...हम किसान हैं. आपको तंग करना हमारा इरादा नहीं है. हम खुद बहुत परेशान हैं. सरकार को और आपको अपनी बात सुनाने बहुत दूर से आए हैं. हमें आपका बस एक मिनट चाहिए.'

मिलती है कम कीमत

किसानों ने इस पर्चे में उन कीमतों का जिक्र किया है, जिसमें उन्हें क्या भाव मिलता है और आम जनता क्या दाम देती है.

उत्पाद किसानों का भाव आम जनता क्या देती है
मूंग दाल 46 रुपए/किलो 120 रुपए/किलो
टमाटर 5 रुपए/किलो 30 रुपए/किलो
सेब 10 रुपए/किलो 110 रुपए/किलो
दूघ 20 रुपए/किलो 42 रुपए/किलो

'हमारी जान भी सस्‍ती है'

किसानों ने इसके आगे लिखा है 'यह है हमारी परेशानी. हम हर चीज महंगी खरीदते हैं और सस्‍ती बेचते हैं. हमारी जान भी सस्‍ती है. पिछले बीस साल में तीन लाख से अधिक किसान आत्‍महत्‍या कर चुके हैं. हमारी मुसीबत की चाभी सरकार के पास है, लेकिन वो हमारी सुनती नहीं. सरकार की चाभी मीडिया के पास है, लेकिन वो हमें देखता नहीं. और मीडिया की चाभी आपके पास है. आप हमारी बात सुनेंगे, इस उम्‍मीद से हम आपको अपनी दुख-तकलीफ समझाने आए हैं. 

'संसद का सत्र किसानों पर हो'

किसानों ने पर्चे में मांग की है 'हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि संसद का एक विशेष सत्र किसानों की समस्‍या पर बुलाया जाए. और उसमें किसानों के लिए दो कानून पास किए जाएं. फसलों के उचित दाम की गारंटी का कानून और किसानों को कर्ज मुक्‍त करने का कानून. कुछ गलत तो नहीं मांग रहे हम? किसानों ने पर्चे में अपना दर्द जताने के बाद अंत में कहा है 'अगर आपको हमारी बात सही लगी हो तो इस मार्च में दो कदम हमारे साथ चलिए.' उन्‍होंने लोगों से मार्च में शामिल होने की अपील की है.

'दिल्‍ली में जुटे हैं लाखों किसान'

दरअसल देश के अलग-अलग हिस्‍सों से लाखों किसान एक बार‍ फिर गुरुवार से दिल्‍ली में एकत्र हुए हैं. अपनी विभिन्‍न मांगों को लेकर वे शुक्रवार को संसद की ओर कूच कर गए. किसानों ने सरकार के खिलाफ इस प्रदर्शन को 'किसान मुक्ति मार्च' नाम दिया है. ये किसान कर्ज माफी, फसलों का बेहतर न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) समेत अपनी अन्‍य मांगों को पूरा करवाने दिल्‍ली की सड़कों पर जुटे हैं. रामलीला मैदान से इन्‍होंने संसद तक मार्च निकाला है.