ONORC: कोई भी व्यक्ति कामकाज की तलाश में दूसरी जगह जाता है तो जो सबसे पहला ख्याल उसके मन में आता है, वह है राशन. लेकिन अब आप वन नेशन, वन राशन कार्ड से अपनी राशन की दुकान बदल सकते हैं. अपने हिस्से का कुछ राशन अपनी काम की जगह ले सकते हैं, जबकि आपका परिवार बाकी का राशन अपने घर पर ले सकता है. यानि इसके जरिए आपका राशन कार्ड पोर्टेबल हो जायेगा. अभी तक यह योजना दिल्ली और पश्चिम बंगाल को छोड़कर देश के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही थी. लेकिन अब दिल्ली और पश्चिम बंगाल के लोग भी इसका फायदा उठा सकेंगे.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

योजना से जुड़ सकते हैं दो और राज्य 

‘एक देश, एक राशन कार्ड’ (ONORC) के तहत, जोकि दिसंबर 2020 तक 32 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक चल रहा था. इसमें दिल्ली और पश्चिम बंगाल में अगस्त 2021 तक चालू हो गया है, जिससे लगभग 75 करोड़ लाभार्थी हो गए हैं. वहीं बाकी दो राज्यों-असम और छत्तीसगढ़ को अगले कुछ महीनों में ONORC के तहत एकीकृत (Integrated) करने का लक्ष्य रखा गया है.

‘मेरा राशन ऐप’ से मिलेगा फायदा

राशन कार्ड होल्डर्स के लिए 12 मार्च को ‘मेरा राशन ऐप’ लॉन्च किया गया. यह ऐप भारत सरकार द्वारा शुरू की गई 'वन नेशन वन राशन कार्ड योजना' का हिस्सा है. इसके जरिए राशन कार्ड होल्डर्स अपने पास की सरकारी राशन की दुकान का आसानी से पता लगा सकते हैं. इसके अलावा यूजर्स अपने पात्रता और हाल ही में किए गए लेन-देन का डिटेल भी देख सकेंगे. इस ऐप का फायदा 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिल रहा था, जो अब बढ़कर 34 हो गए हैं. इसकी मदद से यह भी जानकारी मिलेगी की कंज्यूमर्स ने कब-कब और किस दुकान से राशन लिया है. इस सुविधा का लाभ लेने के लिए सबसे पहले यूजर को यह ऐप डाउनलोड करना होगा.

हर महीने हो रहे 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन

अभी लाभार्थी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मिलने वाले सब्सिडी खाद्यान्न वितरित करने के लिए राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में पोर्टेबिलिटी लेनदेन हो रहे हैं. औसतन हर महीने करीब 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी से जुड़े लेनदेन दर्ज किए जा रहे हैं.

ऐप के हुए 15 लाख से ज्यादा डाउनलोड

‘मेरा राशन’ ऐप को लॉन्च होने के बाद से, गूगल प्ले स्टोर पर इसके 15 लाख से ज्यादा डाउनलोड किया जा चुका है. इस ऐप को विभाग द्वारा केन्द्रीय एनआईसी यूनिट के तकनीकी सहयोग से डेवलेप किया गया है. इसमें टीपीडीएस/ओएनओआरसी से जुड़ी कई उपयोगी जानकारी और सुविधाएं दी गई हैं. यह ऐप 12 भाषाओं- अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, उर्दू, गुजराती, मराठी और बांग्ला में भी उपलब्ध हो चुका है. 

Zee Business Hindi Live यहां देखें