Online Gaming GST: ऑनलाइन गेम्स, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग देश में जल्द ही GST बढ़ाया जा सकता है. जीएसटी परिषद के मंत्रियों का समूह (GoM) आज इसे लेकर एक अहम बैठक करने जा रहा है. इस बैठक में कसीनो, ऑनलाइन गेम्स और हॉर्स ट्रेडिंग पर 28 पर्सेंट GST लगाने पर विचार किया जा सकता है. फिलहाल इन पर 18 फीसदी की रेट से जीएसटी लगाया जाता है.

टैक्स रिसर्च यूनिट की सिफारिश

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जीएसटी परिषद द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर GST लगाने को लेकर इंडस्ट्री का मानना है कि यह उनके लिए खतरे की घंटी है. वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की टैक्स रिसर्च यूनिट (TRU) ने ग्रॉस कॉन्टेस्ट एंट्री अमाउंट का 28-30 फीसदी चार्ज करने की सिफारिश की है. फिलहाल गेमिंग कंपनियां प्लेटफॉर्म फीस पर 18 फीसदी GST वसूलती हैं.

Zee Business Hindi Live यहां देखें

 

किस पर कितना लगता है चार्ज

उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने समाचार एजेंसी IANS को बताया कि फिलहाल फैंटेसी स्पोर्ट्स को छोड़कर सभी फॉर्मेट्स के लिए प्लेटफॉर्म मार्जिन 5-10 फीसदी के बीच है. शतरंज, कैरम, कार रेसिंग, फर्स्ट-पर्सन शूटर आदि जैसे खेल 100 रुपये के लिए लगभग 8 रुपये चार्ज करते हैं. गेमिंग कंपनियों के लिए यह 8 रुपये ही रेवेन्यू होते हैं. बाकी 92 रुपये प्रतियोगिता के विजेता को वापस कर दिया जाता है. इसी तरह स्किल बेस्ड कार्ड गेम के लिए प्लेटफॉर्म द्वारा प्रत्येक 100 रुपये के लिए 5-10 रुपये चार्ज किए जाते हैं.

सूत्र ने कहा कि केवल फैंटेसी खेलों (Fantasy gaming) में प्लेटफॉर्म यूजर्स के प्रत्येक 100 रुपये पर लगभग 15 रुपये चार्ज करता है. इसलिए यदि TRU की सिफारिश को स्वीकार कर लिया जाता है, गेमिंग कंपनियों पर जीएसटी देयता (GST liability) 2 से 3 गुना बढ़ जाएगी.

950 से अधिक गेमिंग प्लेटफॉर्म

फैंटेसी गेमिंग (Fantasy gaming), जो भारत में आमतौर पर IPL के दौरान अपने चरम पर होती है, में कुछ चुनिंदा ऑपरेटर्स का वर्चस्व है. इसमें Dream11, MPL और My11Circle का मार्केट शेयर 95 फीसदी से अधिक है. भारत में 950 से अधिक गेमिंग प्लेटफॉर्म हैं, जो एस्पोर्ट्स, कैजुअल गेम्स और कार्ड गेम्स की पेशकश करते हैं.