Samvidhan Sadan: संसद की कार्यवाही मंगलवार से नए संसद भवन में शुरू हो गई है और अब पुराने संसद भवन को 'संविधान सदन' का नया नाम दे दिया गया है. लोकसभा सचिवालय ने पुराने संसद भवन को 'संविधान सदन' (Samvidhan Sadan) का नया नाम देने को लेकर अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष, भूखंड संख्या 116, नई दिल्ली में स्थित भवन, जिसे पहले संसद भवन (Parliament House) कहा जाता था और जिसके उत्तर-पश्चिम में लोकसभा मार्ग और दक्षिण-पश्चिम में राज्यसभा मार्ग है, को आज से 'संविधान सदन' के रूप अधिसूचित करते हैं.

पीएम मोदी ने सुझाया नया नाम

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आपको बता दें कि मंगलवार को दिन में सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से पुराने संसद भवन की गरिमा और महत्व को बरकरार रखने का अनुरोध करते हुए यह नाम रखने का सुझाव दिया था.

संविधान सदन होगा नया नाम

दोपहर में नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही के पहले दिन सदन का संचालन करते समय लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदन को सूचित किया कि पुराने संसद भवन को अब 'संविधान सदन' के रूप में जाना जाएगा और बाद में लोकसभा सचिवालय ने महासचिव उत्पल कुमार सिंह के हस्ताक्षर से नए नाम को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी.

कैसा है नया संसद भवन

संसद का नया भवन वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय तक भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की कहानियां चित्रित करता है. संसद के नये भवन में मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा की प्रथम बैठक हुई. नये भवन के ‘कांस्टीट्यूशन हॉल’ में लोकतंत्र की विकास यात्रा को विभिन्न वस्तुओं और चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया. संसद का नया भवन श्रीयंत्र से प्रेरित है जिसका इस्तेमाल हिंदू परंपराओं में पूजा के लिए होता है और इसे पवित्र ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "भारत के जीवंत लोकतंत्र में नये अध्याय की शुरुआत करते हुए नया संसद भवन आशा और प्रगति के प्रकाशस्तंभ के रूप में खड़ा है. यह हमारे राष्ट्र की आकांक्षाओं को और हमारे भविष्य की अनंत संभावनाओं को प्रतिबिंबित करता है."

कांस्टीट्यूशनल हॉल में संविधान की कॉपी

कांस्टीट्यूशनल हॉल में भारतीय संविधान की एक डिजिटल प्रति रखी गयी है जिसमें आधुनिकता का भाव है. इसमें फूको लोलक (फौकॉल्ट पेंडुलम)भी रखा गया है जो पृथ्वी के परिक्रमण को दर्शाता है. यह लोलक ‘कांस्टीट्यूशनल हॉल’ की त्रिभुजाकार छत से एक बड़े स्काईलाइट से लटका है और ब्रह्मांड के साथ भारत के विचार को झलकाता है. 

लोकसभा और राज्यसभा के सदनों में डिजिटल मतदान प्रणाली, आधुनिक दृश्य-श्रव्य प्रणाली के साथ बेहतर एकॉस्टिक (ध्वनि अनुकूल) व्यवस्था है. नये भवन में तीन खंडों में महात्मा गांधी, चाणक्य, गार्गी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बी आर आंबेडकर के साथ ही कोणार्क के सूर्य मंदिर में स्थित सूर्य चक्र की बड़ी कांस्य छवियां हैं. 

प्रवेश मार्ग में कला का प्रदर्शन

नये भवन के प्रवेश मार्ग तीन गैलरी की ओर जाते हैं जिनमें भारत की नृत्य, गीत और संगीत परंपराओं को दर्शाने वाली संगीत गैलरी, देश के वास्तु-शिल्प को दर्शाने वाली स्थापत्य गैलरी और विभिन्न राज्यों की हथकरघा परंपराओं को दर्शाने वाली शिल्प गैलरी हैं. नये भवन में पेंटिंग, भित्तिचित्रों, पत्थर की मूर्तियों और धातु की कृतियों समेत करीब 5000 कलाकृतियां हैं. 

लोकसभा चैंबर का आंतरिक स्वरूप राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है, वहीं राज्यसभा का स्वरूप राष्ट्रीय पुष्प कमल पर आधारित है. अधिकारियों के अनुसार संगीत गैलरी के लिए अनेक महान संगीतज्ञों के परिजनों ने उनके वाद्ययंत्र प्रदान किये हैं जिनमें उस्ताद अमजद अली खान, पंडित हरप्रसाद चौरसिया, उस्ताद बिस्मिल्ला खान और पंडित रविशंकर शामिल हैं.

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