OLA-UBER से सफर हो सकता है सस्ता, सरकार बना रही है यह सख्त नियम
आने वाले दिनों में ओला या उबर कैब में सफर करना सस्ता हो सकता है. सरकार ओला-उबर (Ola-Uber) कैब एग्रीगेटर्स के लिए जल्द ही नए नियम बनाने जा रही है.
कैब एग्रीगेटर्स कुल किराए का अधिकतम 10% ही Commission वसूल पाएंगे. (Dna)
कैब एग्रीगेटर्स कुल किराए का अधिकतम 10% ही Commission वसूल पाएंगे. (Dna)
आने वाले दिनों में ओला या उबर कैब में सफर करना सस्ता हो सकता है. सरकार ओला-उबर (Ola-Uber) कैब एग्रीगेटर्स के लिए जल्द ही नए नियम बनाने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार/परिवहन मंत्रालय ओला-उबर जैसे कैब एग्रीगेटर्स किसी भी सवारी के कुल किराए का अधिकतम 10% ही Commission वसूल पाएंगे. फिलहाल Ola और Uber किराए पर 20% तक का कमीशन वसूलते हैं.
अगर सरकार का नियम लागू होता है तो कैब एग्रीगेटर्स का पैसेंजर किराए पर कमाए गए कमीशन शुल्क में कटौती होगी. इससे कैब से सफर करना सस्ता हो सकता है. यही नहीं कैब एग्रीगेटर्स की सर्ज प्राइसिंग की आड़ में मनमाने दोगुना, तिगुना से भी ज़्यादा किराए वसूलने पर लगाम लगने वाली है.
सूत्रों के मुताबिक, कैब एग्रीगेटर्स को रेगुलेट करने के लिए प्रस्ताव में सर्ज प्राइसिंग पर भी कैपिंग या अधिकतम सीमा निर्धारित करने की योजना है. सूत्रों के मुताबिक सरकार ओला उबर जैसे सभी कैब एग्रीगेटर्स पर सर्ज प्राइसिंग पर भी नकेल कसने जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, प्रस्ताव है की सर्ज प्राइस बेस फ़ेयर का अधिकतम दोगुना हो सकता है. हालांकि बेस फ़ेयर या आधार किराया राज्य सरकार तय कर सकती है या फिर कैब एग्रीगेटर्स तय कर सकते हैं, जिसे हर 3 महीने में revise या संशोधित किया जा सकता है.
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ओला और उबर कैब कैंसिल या ड्राइवर के ट्रिप को मना करने को लेकर ढेरों शिकायतों से निबटने के लिए सख्त प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है. प्रस्ताव के तहत अगर कैब ड्राइवर राइड कैंसिल करता है तो उस पर किराए का 10-50% तक कि पेनाल्टी जो कि अधिकतम 100 रुपये तक होगी, लगाई जा सकती है.
यही नियम राइडर या फिर उपभोक्ता पर भी लागू होगा कि अगर वह राइड बुक करने के बाद गलत वजहों से कैंसिल करता है तो राइडर या उपभोक्ता पर भी किराए का 10-50% तक की पेनल्टी भरने का प्रस्ताव है.
यही नहीं कैब एग्रीगेटर्स रूल्स ड्राफ्ट के मुताबिक राइडर या उपभोक्ता के 5 लाख रुपए के इंश्योरेंस कवर तक शामिल करने का प्रस्ताव है. कैब ड्राइवर का सही और नियमित अंतराल पर बॉयोमेट्रिक या फेशियल वेरिफिकेशन भी प्रावधानों में शामिल है. यह पहला मौका होगा जब सरकार कैब एग्रीगेटर्स के कमीशन वसूलने या सर्ज प्राइसिंग जैसे अहम विषयों को रेगुलेट करने जा रही है.
सरकार एग्रीगेटर्स रूल्स या नियमों को लेकर तैयार ड्राफ्ट को संभावित अगले हफ्ते पब्लिक कंसल्टेशन के लिए जारी कर सकती है. दरअसल सरकार कैब एग्रीगेटर्स को तो देश मे बढ़ावा देना चाहती है लेकिन अब तक कोई ठोस नियम नहीं होने के कारण अक्सर ओला उबर से जुड़ी कई शिकायतें या विवाद सामने आते रहे हैं.
03:57 PM IST