NSE Co-Location Case: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यन की ‘को-लोकेशन’ मामले में फिलहाल कोई राहत नहीं मिली. गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने इनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं. स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने उन्हें राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि जमानत देने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है. आरोपियों के वकील अर्शदीप सिंह और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.

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सीबीआई ने भी किया था जमानत का विरोध

इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया था. सीबीआई ने कहा था कि वे गवाहों को प्रभावित और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. एजेंसी ने कहा था कि अपराध की प्रकृति बहुत ही गंभीर है और इसके आर्थिक स्थिरता पर दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं. इस मामले में एफआईआर मई, 2018 में दर्ज की गई थी. जिसके बाद, हाल में शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा हुआ था. 

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इससे पहले, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एनएसई, रामकृष्ण और रवि नारायण समेत दो दूसरे अधिकारियों पर सीनियर लेवल पर भर्ती में खामियों को लेकर जुर्माना लगाया था. नारायण 1994 से मार्च, 2013 तक एनएसई के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर.जबकि रामकृष्ण अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थीं.