NRIs के लिए राहत की खबर, BBPS के जरिए देश में कर सकेंगे यूटिलिटी बिल का भुगतान
Good News for NRI: भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से प्रवासी भारतीयों को भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) को इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है. इससे प्रवासी भारतीय को बिल का भुगतान करने में काफी आसानी होगी.
Good News for NRI: विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बड़ी राहत मिली है. अब विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय अब भारत बिल पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से प्रवासी भारतीयों को भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) को इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए सर्कुलर में इस बात की जानकारी दी गई है. नए सर्कुलर के मुताबिक, प्रवासी भारतीय देश में अपने परिवार के सदस्यों की ओर से एजुकेशन और युटिलिटी बिल का भुगतान कर सकते हैं.
अगस्त में आरबीआई लाया था प्रस्ताव
बता दें कि 6 अगस्त को आरबीआई ने प्रवासी भारतीय की ओर से भारत बिल पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करने को कहा था, जिसे अब हरी झंडी मिल गई है. आरबीआई के इस कदम से न केवल एनआईआई के दूरदराज में रहने वाले परिवार वालों का समय बचेगा लेकिन साथ ही देश में रेमिटेंस का फ्लो बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
क्या है भारत बिल पेमेंट सिस्टम
बता दें कि भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) एक मानकीकृत बिल भुगतान के लिए इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्म है. इसके अलावा 20000 से ज्यादा बिलर सिस्टम का ही हिस्सा हैं और मासिक आधार पर 8 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन होता है.
आरबीआई ने दिया ये फैसला
आरबीआई की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि प्रवासी भारतीय देश में अपने परिजनों के बिजली, पानी और शिक्षा बिलों का भुगतान करने के लिए भारत बिल पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं. आरबीआई ने आगे कहा कि रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) के तहत मिलने वाले विदेशी धन को भारत बिल भुगतान सिस्टम (BBPS) के जरिए लाभार्थी के केवाईसी अनुपालन वाले बैंक खाते में स्थानांतरित करने की मंजूरी देता है.
बता दें कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने इस प्रस्ताव की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि इस कदम का इस्तेमाल करके प्रवासी भारतीय अपने परिवारों की तरफ से यूटिलिटी, शिक्षा और ऐसे दूसरे बिलों का भुगतान कर सकेंगे. पहले प्रवासी भारतीय अपने परिजनों के खाते में बिल का भुगतान करने के लिए पैसा ट्रांसफर करता था, जिसमें थोड़ा समय लगता था लेकिन अब प्रवासी भारतीय खुद ये काम कर सकेंगे.