Twin Towers Demolition: ट्विन टावर को गिराने में कितने करोड़ रुपए होंगे खर्च, यहां जानिए सबसे ऊंची इमारत के बारे में सबकुछ
Noida Supertech Twin Towers Demolition: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही इसे गिराने की मंजूरी मिली है. इसे गिराने में महज 9 सेकंड का वक्त लगेगा, जिसके बाद ये जमींदोज हो जाएगा. नीते जानिए इस ट्विन टॉवर की कीमत
Noida Supertech Twin Towers Demolition: देश की सबसे ऊंची ‘भ्रष्टाचार’ की इमारत को कुछ ही घंटों में आज ध्वस्त कर दिया जाएगा. आज यानी 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे ट्विन टॉवर को ध्वस्त किया जाएगा. ट्विन टावर गिराने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. IANS की रिपोर्ट के अनुसार, इसे गिराने में 17 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसको गिराने का खर्च 20 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. ट्विन टावर को गिराने का खर्च बिल्डर ही उठाएगा.
ट्विन टॉवर को गिराने का खर्च
बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही इसे गिराने की मंजूरी मिली है. इसे गिराने में महज 9 सेकंड का वक्त लगेगा, जिसके बाद ये जमींदोज हो जाएगा. IANS की रिपोर्ट के अनुसार, जिस जगह ये ट्विन टावर बना हुआ है, उस जगह की कीमत मौजूदा समय में 10 हजार रुपए प्रति वर्ग फीट है. (how much cost to demolish twin tower) मतलब ट्विन टावर की कीमत अभी के हिसाब से एक हजार करोड़ से भी ज्यादा है. लेकिन विवाद के चलते अगर ट्विन टावर की वैल्यू की बात करें, तो करीब 800 करोड़ ट्विन टावर की कीमत लगाई गई है. इसे बनाने में 250 से 300 करोड़ के बीच खर्च हुआ था.
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नेशनल बिल्डिंग कोड को ताक पर रख कर ट्विन टावर का निर्माण हुआ था. रातों रात बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव किया गया था. इसीलिए भ्रष्टाचार की इमारत इतनी तेजी से इतनी ऊंची खड़ी हो गई. 2014 में हाई कोर्ट ने इसे अवैध घोषित किया था. इसे गिराने के भी आदेश दिए गए थे. लेकिन बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया.
3700 किलो विस्फोटक का होगा इस्तेमाल
सेक्टर-93-ए में बने 103 मीटर ऊंचे एपेक्स और 97 मीटर ऊंचे सियान टावर को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलो विस्फोटक अलग-अलग फ्लोर पर लगाया गया है. सेफ्टी के लिहाज से एमराल्ड कोर्ट और आसपास की सोसायटी के फ्लैट खाली कराए जाएंगे. इसके अलावा करीब तीन हजार वाहन और 200 पालतू पशुओं को भी बाहर निकाल लिया जाएगा.
400 पुलिसकर्मी, PAC और NDRF के जवान रहेंगे तैनात
डीसीपी (सेंट्रल) राजेश एस ने बताया कि करीब 400 पुलिसकर्मियों के साथ पीएसी और एनडीआरएफ के जवान भी तैनात किए जाएंगे. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ सुनील शर्मा ने बताया कि छह एंबुलेंस मौके पर रहेंगी और जिला अस्पताल के साथ फैलिक्स और यथार्थ अस्पताल में भी बिस्तर आरक्षित किए गए हैं. नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी ने बताया कि करीब 60 हजार टन मलबा दोनों टावर से निकलेगा. इसमें से करीब 35 हजार टन मलबे का निस्तारण कराया जाएगा. ध्वस्तीकरण के बाद उठने वाली धूल को साफ करने के लिए कर्मचारी, स्वीपिंग मशीन, एंटी स्माग गन और पानी छिड़कने की मशीन के साथ वहां मौजूद रहेंगे.