अगर आप कर रहें है नई कार या बाइक लेने का प्लान, तो ज़रा रुक जाइए. केंद्रीय मंत्री (Central Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) की तरफ से किए गए ऐलान के बाद आप भी खुश हो जाएंगे. केंद्रीय मंत्री के दावे के अनुसार आप अपनी कार या बाइक खरीदने की प्लानिंग को थोड़ा टाल भी सकते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Union Minister for Road Transport and Highways) नितिन गडकरी ने पिछले दिनों दावा किया था कि अगले दो साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएगी. 

कब तक हो जाएंगे दाम सस्ते 

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नितिन गडकरी अपनी कार्यशैली को लेकर जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं. ऐसे में केंद्रीय मंत्री की तरफ से की गई इस घोषणा को कार और बाइक चलाने वाले लोगों ने खूब सराहना की और इस पर अच्छी प्रतिक्रिया भी दी. गडकरी के वादे के अनुसार साल 2024 में ई-व्हीकल्स के दाम कम होने की उम्मीद है. वे अपने इस वादे को कई कार्यक्रमों में दोहरा चुके हैं. इस वजह से लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल की सस्ती कीमत को लेकर उम्मीदें बनाए बैठे हैं. 

इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के बारे में बोले गडकरी  

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी और ग्रीन फ्यूल में जैसे-जैसे प्रोग्रेस आएगा, वैसे-वैसे इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल्स की लागत में कमी आएगी. आने वाले दो सालों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमत पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बराबर हो जाएगी. गडकरी ने लोकसभा में प्रदूषण के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए कहा था कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से प्रदूषण में कमी आएगी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक फ्यूल ही सबसे एफिशिएंट रहेगा.

हाइड्रोजन तकनीक अपनाने की सलाह 

गडकरी ने साथी सांसदों से हाइड्रोजन तकनीक को अपनाने का आग्रह किया था. उन्होंने सांसदों से अपने-अपने क्षेत्र में सीवेज वाटर से ग्रीन हाइड्रोजन बनाने की पहल करने के लिए कहा. उनका यह भी कहना था कि हाइड्रोजन जल्द ही सबसे सस्ता फ्यूल ऑप्शन होगा. उन्होंने ये बताया कि लिथियम-आयन बैटरी की कीमत में तेज़ी से गिरावट आ रही है. जिंक-आयन, एल्युमीनियम-आयन, और सोडियम-आयन की बैटरी को तैयार किया जा रहा है. 

केंद्रीय मंत्री ने ये भी दावा किया था कि यदि आप आज पेट्रोल पर 100 रुपए खर्च कर रहे हैं तो इलेक्ट्रिक व्हीकल चलने में ये लागत घटकर 10 रुपए रह जाएगी. एक अनुमान के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार पर 1 रुपए प्रति किमी से भी काम का खर्च आएगा. जबकि, पेट्रोल से चलने वाली कार का खर्च 5-7 रुपए प्रति किमी तक आ जाता है.