यूं तो देशभर में ऐसे कई मुद्दे हैं जो आम जनता के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं. लेकिन सरकारी बैंकों के निजीकरण (Privatization of Government Banks) को लेकर चर्चाएं काफी तेज हैं. दरअसल, कई मीडिया रिपोर्टस में ऐसा दावा किया गया है कि नीति आयोग ने उन सरकारी बैंकों की एक लिस्ट जारी की है, जिनका निजीकरण किया जाना है. सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर सर्कुलेट हो रही इन मीडिया रिपोर्ट्स ने आम आदमी के बीच काफी हलचल मचा दी है. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में जिन सरकारी बैंकों के निजीकरण का जिक्र किया गया है उनमें देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक- भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) का नाम भी शामिल है.

लिस्ट में किन बैंकों के हैं नाम

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दावे के मुताबिक इस लिस्ट में स्टेट बैंक (SBI) के अलावा पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank), कैनरा बैंक (Canara Bank) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) का नाम भी शामिल है. बताते चलें कि इन मीडिया रिपोर्ट्स में जिन 4 सरकारी बैंकों का जिक्र किया गया है, उनमें देश के करोड़ों लोगों के खाते चल रहे हैं. ऐसे में मीडिया में चलाई जा रही बैंकों के निजीकरण की खबरों ने आम जनता की टेंशन बढ़ा दी है. मामले की गंभीरता को समझते हुए नीति आयोग खुद आगे आया है और मीडिया में चलाई जा रही बैंकों के निजीकरण की खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. नीति आयोग ने एक ऑफिशियल प्रेस रिलीज जारी कर इन खबरों का जोरदार खंडन किया है.

नीति आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स का किया खंडन

नीति आयोग ने प्रेस रिलीज में कहा, ''सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण से जुड़ी नीति आयोग द्वारा साझा की गई लिस्ट के संबंध में मीडिया में एक मनगढ़ंत संदेश प्रसारित किया जा रहा है. ये सूचित किया जाता है कि नीति आयोग द्वारा ऐसी कोई लिस्ट, जैसा कि उल्लेख किया जा रहा है, किसी भी रूप में साझा नहीं की गई है.''

PIB Fact Check ने भी बैंकों के निजीकरण की खबरों को बताया फर्जी

नीति आयोग के अलावा इस पूरे मामले में PIB Fact Check ने भी अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है. PIB Fact Check ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी बैंकों के निजीकरण के सारे दावे पूरी तरह से फर्जी हैं और नीति आयोग ने किसी भी रूप में बैंकों की कोई लिस्ट जारी नहीं की है.