Lockdown के 50 दिन बाद सुस्‍त पड़ी इकोनॉमी को बूस्‍ट करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी सेक्‍टरों के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण अब तक दो चरणों का ऐलान कर चुकी हैं. शुक्रवार, 15 मई 2020 को राहत पैकेज के तीसरे चरण में उन्‍होंने 11 बातों का ऐलान किया. उन्‍होंने बताया कि PM मत्‍सय संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है. 

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जहां चाहें वहां बेच सकेंगे फसल

उन्‍होंने बताया कि सरकार एक केंद्रीय कानून लाएगी जहां किसानों के पास ये अधिकार और आज़ादी होगी कि वे अपनी फसल किसे और किस दाम पर बेचें. फिलहाल किसान को अपनी फसल बाजार में केवल लाइसेंस धारक APMC को ही बेचना पड़ता है. एक केंद्रीय कानून के तहत उन्हें किसी भी राज्य में अपना उत्पाद ले जाकर बेचने की छूट होगी. साथ ही किसानों की आमदनी पक्‍की करने के भी इंतजाम होंगे.

आवश्यक वस्तु अधिनियम

FM ने कहा कि एग्री सेक्‍टर में तेजी लाने के लिए 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम को बदला जाएगा. इससे किसानों की इनकम बढ़ेगी. किसानों को कम दाम पर उत्पाद बेचना पड़ता था. तिलहन, दलहन, प्याज, आलू को अनियमित किया जाएगा ताकि किसानों को लाभ मिल सके.  

टॉप टु टोटल के लिए 500 करोड़

FM ने इस दौरान टॉप टू टोटल योजना का ऐलान किया, जिसके तहत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. पहले यह टमाटर, आलू और प्याज के लिए था लेकिन अब अन्य सभी फल और सब्जियों के लिए लागू किया जाएगा. जो खाने की चीजें खराब होने का अंदेशा रहता था, उन्‍हें किसान को कम दाम पर बेचना पड़ता था. इस योजना के तहत सभी फल सब्जियों को लाने से 50 फीसदी सब्सिडी मालभाड़े और 50 फीसदी स्टोरेज, कोल्ड स्टोरेज के लिए दी जाएगी.

मधुमक्खी पालन

FM ने बताया कि मधुमक्खी पालन के रखरखाव को बेहतर करने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा और ग्रा‍हकों को बेहतर शहद मिलेगा. कृषि आधारित मधुमक्खी पालन किसानों को अतिरिक्त आय उपलब्ध कराता है.

हर्बल खेली के लिए 4 हजार करोड़ रुपए

FM ने हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया. 10 लाख हेक्टेएयर में यह खेती होगी. इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी. इनमें से 800 हेक्टएयर की खेती गंगा के दोनों किनारों पर की जाएगी.

पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़

सीतारमण ने बताया कि पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. इससे अधिक दूध उत्पादन होगा और प्रोसेसिंग यूनिट आदि लगेंगी.

PM मत्‍सय संपदा योजना

इस रकम का इस्‍तेमाल मछुवारों के जीवनयापन को आसान बनाने में होगा. FM ने कहा कि 11 हजार करोड़ रुपए मैरिन, इनलैंड फिशरी और मछली पालन जबकि 9000 करोड़ रुपए मत्‍सय फील्‍ड पर खर्च होंगे. इससे अगले 5 साल में मतस्य उत्पादन 70 लाख टन बढ़ेगा. इससे 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्यात दोगुना होकर 1 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा.

National animal disease program

Fm ने बताया कि नेशनल एनिमल डिजीजी कंट्रोल प्रोग्राम के तहत मुंह पका-खुर पका बीमारी से बचाने के लिए जानवरों को Vaccine लगाई जाएगी. इसके लिए 13,343 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस योजना में 53 करोड़ पशुओं को टीका लगेगा. अब तक 1.5 करोड़ गायों और भैसों को टीका लगाया गया है. इससे दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और उत्पादकों की गुणवत्ता बेहतर होगी.

कोल्‍ड चेन के साथ फसल कटाई

FM ने बताया कि किसानों के पास भंडारण की कमी और मूल्य संवर्धन के अवसरों की कमी को पूरा करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि आधारभूत ढांचा तैयार किया जाएगा, जिससे कोल्ड चेन के साथ फसल कटाई के बाद की सुविधाएं विकसित होंगी.

किसानों को दिए 18700 करोड़

उन्‍होंने बताया कि PM-KISAN योजना के तहत किसानों को 18,700 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं. पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ रुपए किसानों के खातों में भेजे गए हैं. कोरोना संकट के दौरान कई कदम किसानों के लिए उठाए गए. न्यूनतम समर्थन राशि के तहत 74,300 करोड़ रुपये उनकी फसल की खरीद के लिए दिए गए हैं. देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 6,000 रुपये का लाभ मिल रहा है.

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फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को बाढ़, सूखे के समय उनके नुकसान की भरपाई हो रही है. ऐसे ही बहुत सारे कदम किसानों के लिए उठाए जा चुके हैं.