रक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मेक इन इंडिया की तैयारी, आयात पर लगेगी लगाम
रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'मेक इन इंडिया' के तहत बड़े पैमाने पर हथियारों का उत्पादन होगा. सरकार ऐसे हथियारों एवं प्लेटफॉर्म की लिस्ट जारी करेगी जिन्हें पूरी तरह से देश में ही बनाया जाएगा. इनका आयात पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा.
वित्त मंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किश्त का ऐलान करते हुए कहा कि देश को रक्षा उत्पादन में आत्म निर्भर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा. रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'मेक इन इंडिया' के तहत बड़े पैमाने पर हथियारों का उत्पादन होगा. सरकार ऐसे हथियारों एवं प्लेटफॉर्म की लिस्ट जारी करेगी जिन्हें पूरी तरह से देश में ही बनाया जाएगा. इनका आयात पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. इस लिस्ट में शामिल हथियारों एवं प्लेटफॉर्म को देश से खरीदा जाएगा. इससे रक्षा उत्पादों के आयात पर आने वाले खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी.
ऑडिनेंस फैक्ट्री का होगा निमगीकरण
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का निगमीकरण उनके कामकाज में सुधार के लिए किया जाएगा. कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा. आम निवेशक भी इन कंपनियों में निवेश कर सकेंगे. डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमैटिक रूट्स के जरिए FDI की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद किया जाएगा.
सरकार तय समय में खरीद करेगी
सरकार ऑर्डिनेंस फैक्टरी की स्वायत्ता, जवाबदेही और क्षमता को बेहतर बनाने के लिए ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का कॉरपोरेटाइजेशन किया जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि कॉरपोरेटाइजेशन बोर्ड का निजीकरण नहीं बल्कि कॉरपोरेटाइजेशन किया जाएगा. तय समय में रक्षा उत्पादों की खरीद के लिए सरकार कदम उठाएगी. इसके साथ ही ट्रायल और टेस्टिंग प्रक्रिया को बेहतर बनाया जाएगा.
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कोयला क्षेत्र में होंगा बड़ा निदेश
कोरोना महामारी के संकट से उबरने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 16 मई को चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. वित्त मंत्री ने इस मौके पर कहा कि 8 नए क्षेत्रों पर सरकार आने वाले क्षेत्रो में विशेष ध्यान देगी. कोयले के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनने के लिए सरकार कई मोर्चों पर काम करेंगी. सरकार की ओर से कोयले का अब खुले बाजारी में निलामी होगी. इससे लगभग 50 नए ब्लॉक जल्द ही निलाम किए जाएंगे. पात्रता की कोई बड़ी कंडीशन नहीं होगी. जिन कोयले की खदानों में मामूल खनन हो रहा था उनमें ज्यादा खनन के प्रयास करने के लिए इन्हें भी निलाम किया जाएगा.