राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने वेदांता को बड़ी राहत देते हुए उसने तमिलनाडु स्थित Sterlite plant को फिर से चालू करने का आदेश दिया है. एनजीटी ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि स्टरलाइट को बंद करना 'अन्यायपूर्ण' है, और वेदांता लिमिटेड से कहा कि वो अपने तीन वर्षों के दौरान कल्याणकारी योजनाओं पर 100 करोड़ रुपये खर्च करे. तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि वो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएगी.

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क्या है पूरा मामला?

तमिलनाडु में तूतीकोरिन में 22 मई 2018 को स्टरलाइट प्लांट के विरोध में प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 लोगों की जान चली गई थी. उच्च न्यायालय ने उस मामले में नागरिक प्रशासन के अधिकारियों समेत पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. बाद में राज्य सरकार ने संयंत्र को बंद करने का आदेश दे दिया. इस आदेश के खिलाफ ही वेदांता ने एनजीटी में याचिका दायर की थी. 

अब तमिलनाडु मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा है, 'हम स्टरलाइट के मुद्दे पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.' संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की शिकायत थी कि संयंत्र से आसपास के इलाके में प्रदूषण फैल रहा है और इसका उनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. स्टरलाइट कॉपर का प्लांट है और औद्योगिक विकास के लिए इसका उत्पादन जरूरी है. स्टरलाइट ने तूतीकोरिन में भारी निवेश कर रखा है और ऐसे में संयंत्र को बंद करने से उसे भारी नुकसान होता.